पाकिस्तान में 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ नजर आने वाले राजदूत वलीद अबु अली वापस पाकिस्तान नहीं आ रहे हैं. पाकिस्तानी मीडिया में उनके वापस आने की खबरें हैं, लेकिन फिलिस्तीन ने इस खबर को झुठला दिया है.
फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने इस खबर का खंडन किया है. फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'पाकिस्तान में हमारे राजदूत रहे अली अभी फिलिस्तीन में ही हैं और इस मामले में हमारा रुख नहीं बदला है. हम अब भी अपने पिछले हफ्ते के रुख पर कायम हैं.'
पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि फिलिस्तीन ने हाफिज सईद के साथ नजर आने वाले राजदूत वलीद अबु अली को दोबारा नियुक्ति दे दी है. इससे पहले, फिलिस्तीन ने भारत के कड़े ऐतराज के बाद इस मामले में भारत के पक्ष में कदम उठाया था.पाकिस्तान के समाचार चैनल जियो न्यूज की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (PUC) के चेयरमैन मौलाना ताहिर अशरफी के हवाले से दावा किया गया है कि वलीद अबु अली को फिर से पाकिस्तान भेज दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अली को दोबारा पाक राजदूत बना दिया है.
अशरफी ने पाक चैनल पर दावा किया कि उन्होंने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति और फिलिस्तीन के मुख्य न्यायाधीश से अपील की थी कि वलीद अबु अली को पाकिस्तान में फिर से तैनात किया जाए. उन्होंने दावा किया है कि उनकी यह अपील मंजूर भी कर ली गई है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि अली बुधवार को पाकिस्तान आएंगे और फिर से अपना कामकाज संभालेंगे.
यह घटनाक्रम भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के फिलिस्तीन दौरे से ठीक पहले हुआ है. मोदी फरवरी में फिलिस्तीन की यात्रा पर जा सकते हैं.
भारत में फिलिस्तीनी दूतावास ने भी इस खबर की जानकारी होने से इनकार किया है. दूतावास की ओर से कहा गया है, 'पता नहीं, यह खबर कहां से आई है. हमारी जानकारी के मुताबिक वलीद अबु अली अब भी फिलिस्तीन में ही हैं.'
We don't know from where you got this information about Palestine Ambassdor to Pakistan being reinstated. As per our knowledge he is very much in Palestine as of now: Palestine Embassy in New Delhi to ANI on Pak media's reports on Palestine reinstated its ambassador to Pakistan pic.twitter.com/tUzZokC98k
— ANI (@ANI) January 7, 2018
आपको याद दिला दें कि अली ने हाफिज सईद के संगठन दिफाह-ए-पाकिस्तान काउंसिल की रावलपिंडी में हुई रैली में हिस्सा लिया था. वह हाफिज के साथ गले मिलते और इस रैली को संबोधित करते भी नजर आए थे. इस रैली में हाफिज ने भारत, कुलभूषण जाधव, कश्मीर और अमेरिका के बारे में जहर उगला था.
इसके बाद भारत ने इस मामले को शीर्ष स्तर पर उठाया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया में फिलिस्तीन सरकार से कहा था कि इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता. जिसके जवाब में भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबु अल हजा ने कहा था, 'हमारा देश भारत के साथ अपने रिश्ते को काफी अहमियत देता है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है.'
भारत में फिलिस्तीनी राजदूत ने अपनी सफाई में कहा था, 'हमारे राजदूत हाफिज सईद को नहीं जानते थे. जब हाफिज ने भाषण दिया तो राजदूत ने पूछा था कि यह कौन है? इसके बाद हमारे राजदूत का भाषण था. हमारे राजदूत ने भाषण दिया और वहां से चले गए.'
भारत में फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा था, 'इसके बावजूद हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते और इसीलिए राजदूत को वापस बुलाने का फैसला ले रहे हैं.' हाफिज के संगठन की ओर से बुलाई गई यह रैली कथित तौर पर फिलिस्तीनियों के संघर्ष के समर्थन में हुई थी.