भारत के कड़े विरोध के बाद आखिरकार फिलिस्तीन ने अपने राजदूत वलीद अबु अली को पाकिस्तान से वापस बुलाने का फैसला ले लिया है. इसके साथ ही वलीद अबु अली की मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से मुलाकात पर खेद जताया और राजदूत के खिलाफ उचित कदम उठाने की बात कही.
भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबु अल हाइजा ने बताया कि फिलिस्तीन सरकार ने हाफिज सईद से मुलाकात करने पर अपने राजदूत वलीद अबु अली को वापस बुलाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमारे राजदूत वलीद अबु अली हाफिज सईद को नहीं जानते ते. जब उन्होंने बोलना शुरू किया, तो पूछा भी कि आखिर यह (हाफिज सईद) कौन है? हमारे राजदूत का भाषण हाफिज सईद के बाद था. हाफिज सईद अपना भाषण दिया और चला गया.
Palestine has decided to recall its Ambassador to Pakistan, Walid Abu Ali, for sharing stage with Hafiz Saeed, confirms Palestinian Ambassador to India Adnan Abu Al Haija
— ANI (@ANI) December 30, 2017
भारत में फिलिस्तीन के राजदूत हाइजा ने कहा कि आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करना फिलिस्तीन को भी बर्दाश्त नहीं हैं. इसी वजह से वलीद अबु अली को वापस बुलाने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन करते हैं. यही वजह है कि फिलिस्तीन सरकार ने वलीद अबु अली को पाकिस्तान से सीधे वापस बुलाने का फैसला लिया है.
We are supporting India in its fight against terrorism and because of that my Government decided to directly call our Ambassador to go back home, not to be Palestine ambassador to Pak anymore (for sharing stage with Hafiz Saeed): Palestinian Ambassador to India Adnan Abu Al Haija pic.twitter.com/JMN9b2CXug
— ANI (@ANI) December 30, 2017
इस दौरान भारत में फिलिस्तीनी राजदूत हाइजा ने यह भी कहा कि पीएम मोदी फिलिस्तीन के सम्मानीय मेहमान हैं. हम फिलिस्तीन में उनका स्वागत करते हैं. हमको उनके फिलिस्तीन दौरे का इंतजार है. हमें उम्मीद है कि वो जल्द ही फिलिस्तीन का दौरा करेंगे. दरअसल, वैश्विक आतंकी हाफिज सईद से वलीद अबु अली की मुलाकात को लेकर भारत सरकार ने फिलीस्तीन सरकार के समक्ष का कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी में आतंकी हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली के मंच साझा करने का कदम कतई स्वीकार्य नहीं है. भारत के कड़े विरोध के बाद फिलिस्तीन ने अपने राजदूत की करतूत पर खेद जताया और उनको वापस बुलाने का फैसला किया है.
फिलिस्तीन सरकार ने भारत सरकार को इस बात का आश्वासन भी दिया है कि वो अपने राजदूत द्वारा हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने की घटना पर गंभीर रूप से संज्ञान लेगी. उन्होंने कहा कि वे उचित रूप से इस मामले से निपटेंगे. यह भी बताया गया था कि फिलिस्तीन भारत के साथ अपने संबंधों को काफी अहमियत देता है और आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में साथ खड़ा है. फिलिस्तीन सरकार ने भारत के खिलाफ आतंकवाद को अंजाम देने वालों के साथ किसी भी तरह का नाता नहीं रखने की भी बात कही है.
Press release on India’s reaction over the Palestinian Ambassador in Pakistan’s association with terrorist Hafiz Saeed. https://t.co/tkrMPmcpNm
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 30, 2017
इसका आयोजन दिफाह-ए-पाकिस्तान काउंसिल ने किया था. इस दौरान फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली ने लोगों को भी संबोधित किया था. दोनों के मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर होने लगी. इसके बाद भारत ने फिलिस्तीनी राजदूत के इस कदम के प्रति एतराज जताया था.
राजनीति में आने को बेताब है आतंकी हाफिज सईद
वैश्विक आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान की राजनीति में आने को बेताब है. इसमें उसको पाकिस्तानी सेना का भी समर्थन मिल रहा है. हाल ही में नजरबंदी से रिहा होने के बाद आतंकी हाफिज सईद आगामी चुनाव में उतरने का ऐलान भी चुका है. हालांकि उसके सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है. वहीं, भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली की तस्वीर सामने आने के बाद बवाल मच गया है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर लंबी बहस छिड़ गई है.
फिलिस्तीन के समर्थन पर मोदी सरकार को घेर चुके हैं सुब्रमण्यम स्वामी
येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोट करने पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा था. स्वामी ने कहा था कि यह फैसला भारत के हित में नहीं है. इससे भारत की क्रेडिबिलिटी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
उन्होंने कहा था कि इससे अमेरिका और इजरायल हम पर भरोसा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो कश्मीर के मामले में हमेशा हमारा विरोधी रहा है. इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और अन्य फोरम में फिलिस्तीन ने भारत का विरोध किया है. स्वामी ने कहा कि ये कांग्रेस की पुरानी नीति है. अमेरिका और इजरायल के पक्ष में वोट न करके भारत ने बड़ी गलती की है.