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'मुझे बेवकूफ बनाया...', नित्यानंद के 'कैलासा' संग 'समझौते' करने वाले पराग्वे के अधिकारी हुए बर्खास्त

नित्यानंद का फर्जी राष्ट्र कैलासा एक बार फिर चर्चाओं में है. रेप का आरोप लगने के बाद नित्यानंद भारत से फरार होकर दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर देश में जमीन का एक टुकड़ा खरीद लिया है और इसे एक संप्रभु राष्ट्र बताता है. नित्यानंद दावा करता है कि कैलासा का अपना रिजर्व बैंक, खुद की करंसी और अलग संविधान भी है.

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फर्जी देश कैलासा का प्रमुख नित्यानंद (फोटो-नित्यानंद फेसबुक)
फर्जी देश कैलासा का प्रमुख नित्यानंद (फोटो-नित्यानंद फेसबुक)

भारत से भागकर दक्षिण अमेरिकी देश एक्वाडोर में अपना अलग देश 'कैलासा' बनाने का दावा करने वाला स्वामी नित्यानंद आए दिन चर्चाओं में रहता है. दक्षिण अमेरिका का ही एक देश पराग्वे में कैलासा को लेकर मचे बवाल के बाद नित्यानंद का फर्जी देश कैलासा एक बार फिर चर्चा में है.

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दरअसल, नित्यानंद के स्वघोषित देश कैलासा से एक समझौता ज्ञापन करने पर पराग्वे ने अपने एक सीनियर अधिकारी अर्नाल्डो चामोरो को बर्खास्त कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अर्नाल्डो चामोरो ने कैलासा के साथ सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन पराग्वे ने चामोरो को तब बर्खास्त कर दिया जब उसे पता चला कि कैलासा का कोई अस्तित्व ही नहीं है. यानी कैलासा एक फर्जी देश है.

बर्खास्त किए गए अधिकारी अर्नाल्डो चामोरो ने गुरुवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि दक्षिण अमेरिकी द्वीप पर स्थित कैलासा के कथित अधिकारियों के साथ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के बाद उसे कृषि मंत्री के कर्मचारी के प्रमुख के रूप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

कैलासा के तथाकथित अधिकारियों द्वारा बेवकूफी का शिकार हुए चामोरो ने मूर्ख बनने की बात भी स्वीकार की है. चामोरो ने कहा है कि फर्जी देश कैलासा के कुछ अधिकारी उसके पास आए और पराग्वे की मदद करने की इच्छा व्यक्त की. उन्होंने कई परियोजनाओं की भी पेशकश की. हमने उनकी बात सुनी और उस दस्तावेज पर दस्तखत कर दिए. जिसके बाद बुधवार को मुझे बर्खास्त कर दिया गया.

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मंत्री को भी बनाया बेवकूफ

अर्नाल्डो चामोरो का कहना है कि फर्जी देश कैलासा के अधिकारियों ने मंत्री कार्लोस जिमनेज से भी मुलाकात की. हालांकि, फर्जी अधिकारियों का मकसद पता नहीं चल सका है. लेकिन दोनों पक्षों की ओर से हस्ताक्षरित ज्ञापन में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित करने की बात कही गई थी. 

पराग्वे कृषि मंत्रालय के लेटरहेड और आधिकारिक मुहर के साथ हुए समझौते में चामोरो ने 'संयुक्त राज्य कैलासा' के प्रमुख नित्यानंद का अभिवादन किया था. साथ ही हिंदू धर्म, मानवता और पराग्वे में नित्यानंद की योगदान की इच्छा की प्रशंसा की थी. 

समझौते ज्ञापन में इस पर जोर दिया गया था कि पराग्वे की सरकार सक्रिय रूप से संयुक्त राज्य कैलासा के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने पर विचार कर रही है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में कैलासा को एक संप्रभु राज्य के रूप में प्रवेश का समर्थन करती है. 

लेकिन बाद में पराग्वे की मीडिया ने बताया कि फर्जी देश कैलासा की स्थापना करने वाला नित्यानंद वास्तव में एक भारतीय नागरिक था. जो वहां मोस्ट वांटेड अपराधी था. जिसके बाद पराग्वे कृषि मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए प्रक्रियात्मक त्रुटियों पर अफसोस जताया है और कहा है कि इस ज्ञापन को अधिकारिक नहीं माना जा सकता है, साथ ही पराग्वे पर इसका दायित्व नहीं है.

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कौन है नित्यानंद?

नित्यानंद का जन्म 1 जनवरी 1978 को तमिलनाडु में हुआ था. उसके पिता का नाम अरुणाचलम और मां का नाम लोकनायकी है. 1992 में स्कूली पढ़ाई समाप्त करने के बाद नित्यानंद ने 1995 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.

दावा किया जाता है कि 12 साल की उम्र से ही उसने रामकृष्ण मठ में शिक्षा लेना शुरू कर दिया था. 1 जनवरी 2003 को नित्यानंद ने अपना पहला आश्रम बेंगलुरु के पास बिदादी में खोला. उसके बाद उसने कई आश्रम खोले. 2010 में नित्यानंद पर धोखाधड़ी और अश्लीलता का मामला दर्ज किया गया.

नित्यानंद की एक सेक्स सीडी सामने आई थी. इस मामले में नित्यानंद को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन कुछ ही दिन में उसे जमानत मिल गई. साल 2012 में नित्यानंद पर दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद नवंबर 2019 में फिर से उस पर दो लड़कियों के अपहरण और उन्हें बंदी बनाने का मामला दर्ज हुआ. जिसके बाद वह भारत छोड़कर फरार हो गया.

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