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इश्क और कत्ल दोनों को समझता है पेरिस

आदम और हव्वा की कहानी का सबसे अहम पात्र वह सांप है, जो उन्हें वर्जित खाने के लिए प्रेरित करता है और दोनों को अपने होने का एहसास करवाकर जन्नत से बाहर फेंकवा देता है. फिर आदम और हव्वा के संघर्ष की कहानी शुरू होती है और इसके साथ ही पूरी मानव जाति की कहानी ही बदल जाती है. ऐसा ही कुछ रोमांस नगरी पेरिस के बारे में भी है.

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पेरिस हमले के बाद दर्द के अंधेर में डूबा एफिल टावर
पेरिस हमले के बाद दर्द के अंधेर में डूबा एफिल टावर

आदम और हव्वा की कहानी का सबसे अहम पात्र वह सांप है, जो उन्हें वर्जित खाने के लिए प्रेरित करता है और दोनों को अपने होने का एहसास करवाकर जन्नत से बाहर फेंकवा देता है. फिर आदम और हव्वा के संघर्ष की कहानी शुरू होती है और इसके साथ ही पूरी मानव जाति की कहानी ही बदल जाती है. ऐसा ही कुछ रोमांस नगरी पेरिस के बारे में भी है.

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यूरोप के इस शहर को आतंकी संगठनों की नजर लग चुकी है और समय-समय पर वे हमलों को अंजाम देने लग गए हैं. यानी आतंकवादी रूपी सांप ने अपना रंग दिखा दिया है, और रोमांस की नगरी में दहशत का राज कायम कर दिया है. ब्रिटिश एक्टर और लेखक माइकेल सिमकिंस ने अपनी किताब 'डीटूर द फ्रांसः एन इंग्लिशमैन इन सर्च ऑफ अ कॉन्टिनेंटल एजुकेशन' में लिखा है, 'पेरिस ऐसी जगह है जहां हम अपने आपको भूल जाते हैं, खुद को खो नए सिरे खोजते हैं और अतीत के बोझ को उतार फेंकते हैं.'

एक शहर, कई चेहरें
पेरिस ऐसा शहर है जिसके कई चेहरे हैं और हर चेहरे में कला, फैशन और इश्क गहरे तक रचा बसा है. बौद्धिकता की प्यास बुझाता एक शहर. जहां आप खुद को भूल जाते हैं, और जिंदगी को जीने लगते हैं. पेरिस के हसीन नजारों और हवा में प्रेम घुला है तभी तो इश्क में डूबे लोगों का पहला ठिकाना पेरिस ही होता है.

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मैंने भी अपनी जिंदगी के यादगार 24 घंटे इस रोमांस नगरी में गुजारे हैं और उस समय बेशक काम की मारामारी थी, लेकिन शहर की हवा और माहौल ऐसा था कि इसने छोटे से सफर को मेरे दिल में उतार दिया. सिर्फ तीन घंटे की नींद के बावजूद मुझे तरोताजा रखा था. शांप्स द एलिजीज की दोनों ओर से पेड़ों से घिरी सड़क हो या इंडिया गेट जैसा आर्क द ट्रियोंफ, जहां पर्यटकों की भीड़ हमेशा रहती है और वहीं सड़क किनारे बैठा हाथोंहाथ स्केच बनाने वाला एक शख्स.

इन सब चीजों ने पेरिस से जुड़ी मेरी ख्वाबों की छवि को हकीकत में उतारने का काम किया था. किताबों में पढ़े पेरिस को सच होते दिखाया था. हर एक सड़क और नजारे के साथ पेरिस किताबों के पन्नों से बाहर आता जाता था.

भारतीयों के लिए कल्चरल शॉक
लुइ वितां से लेकर वाइएसएल के विशाल स्टोर आपको फैशन की दुनिया में ले जाते हैं और सड़कों पर करीने से तैयार काले लंबे कोट में घूमते खूबसूरत स्त्री-पुरुष आपको एक मिनट में अपनी फैशन सेंस पर सोचने के लिए मजबूर कर सकते हैं. यही नहीं, एक साथ इतने ढेर सारे खूबसूरत लोगों का जमावड़ा भी आपको हैरत में डाल सकता है. बेशक यह जितने खूबसूरत हैं, उतने ही खुश्क भी. शायद भारतीय होने के नाते सबसे बड़ा कल्चरल शॉक आपको यहीं लगता है.

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शाम ढलते ही बढ़ जाती है रूमानियत
जैसे-जैसे शाम होने लगती है माहौल में रूमानियत बढ़ने लगती है. हसीन जोड़े हाथों में हाथ डाले कहीं भी प्रेम का इजहार करते नजर आ सकते हैं, चाहे रेलवे स्टेशन पर अपनी प्रेयसी से विदा लेता प्रेमी उसके होंठों को चूमते नजर आए या फिर हाथों में हाथ डाले और बात-बात पर चूमकर अपने प्रेम का इजहार करते जोड़े. पर्यटक भी इश्क के अपने ख्वाबों को पूरा करते एफिल टावर से लेकर आर्ट गैलरियों और ओपन कैफे में दिख जाते हैं और फ्रांसीसी लेखिका अनाईस नीन की इस बात को सिद्ध करते हैं, 'हमेशा से पांच बजे पेरिस की हवाओं में इरॉटिज्म (कामोत्तेजकता) घुलने लग जाता है.'

जितना प्यारा यह शहर है उतनी ही हसीन इसकी रातें हैं. सड़कों पर भीड़. ओपन कैफे और बार्स के बाहर बैठे लोग गप्पों में मशगूल नजर आते हैं. कॉफी, बेकरी और वाइन की मिली-जुली खुशबू आपको वापस इस शहर की ओर खींचने का काम करती है और जादुई असर करती हैं. यह जादू आज चार साल भी मेरे सिर चढ़कर बोलता है. जिस भी विदेशी शहर में जाता हूं इस खुशबू को खोजने का काम करता हूं.

इश्क की शाम और जन्नत में सांप
हालांकि, पिछले साल भर में रोमांस नगरी में बढ़े आतंकी हमलों ने जन्नत में सांप वाली बात को सिद्ध कर दिया है और 'व्हाई आई डोंट राइट लाइक फ्रांज काफ्का' के लेखक विलियम एस. विलियम की उस बात की ओर ध्यान दिलाया है, जिसमें उन्होंने कहा है, 'मुझे नहीं लगता कि पेरिस के बाहर का कोई शख्स इश्क और कत्ल को उस तरह समझ सकता है जैसे हम समझते हैं.' इन आतंकी हमलों ने इस बात को साबित भी कर दिया है...

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