पेरिस में हुए आतंकी हमले में कुछ लोगों की जान बची. अब वह सामने आए हैं और बताया कि कैसे रेफ्रिजरेशन रूम और सिंक के पीछे छुपकर उनकी जान बची है.
सुपरमार्केट के रेफ्रिजरेटर में अपने बच्चे को छिपा लेने वाले एक पिता से लेकर सिंक के नीचे छिपकर पुलिस को मैसेज भेजने वाले कर्मचारी तक उन सभी की सूझबूझ की फ्रांसीसी अधिकारियों ने तारीफ की है, जो पेरिस आतंकी हमले में बाल-बाल बच गए. बंधक बनाने की घटनाओं से शुक्रवार को एक बार फिर राजधानी पेरिस दहल गया था. यह लगातार तीसरे दिन आतंकी हमला था.
पेरिस के प्रॉसीक्यूटर फ्रांसिस मोलिंस ने बताया, 'चार्ली हेब्दो नरसंहार के संदिग्ध आतंकी भाइयों ने जिस प्रिंटिंग प्रेस पर कब्जा कर रखा था, वहां एक कर्मचारी कैंटीन में सीढ़ियों के नीचे एक सिंक में छिप गया था. 26 साल के ग्राफिक डिजाइनर लिलियान बुरी तरह डर गया था. जांच से जुड़े सूत्र ने बताया कि जब उसे लगा कि संदिग्धों की नजर से वह बच हुआ है तो उसने हिम्मत जुटाकर पुलिस को एसएमएस भेजा और परिसर में अपने ठिकाने जैसी बातें बताईं. वह संदिग्धों की बातें सुनकर प्रेस के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों तक उसे पहुंचा रहा था.
मोलिंस ने बताया कि बुधवार को चार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हमलाकर 12 लोगों को मौत की घाट उतारने के बाद से फरार चल रहे संदिग्धों- शेरिफ काउची (32) और सईद (34) को एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद सुरक्षाकर्मियों ने चारों ओर से घेर लिया था. यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर जब इन दो भाइयों के कथित सहयोगी एमेडी कौलीबाली ने विनसींस के सुपरमार्केट पर हमला किया तब इलान और उसका तीन साल का बेटा वहां थे. दोनों रेफ्रीजेरेशन रूम में छिप गए.
जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनके साथ कम से कम तीन अन्य लोग थे. इलान ने बेटे को ठंड से बचाने के लिए तुरंत अपना जैकेट उतारकर उससे उसे ढक दिया. वे सभी करीब पांच घंटे तक वहां रहे.