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सूर्य के सबसे करीब पहुंचा पार्कर सोलर प्रोब, बनाया रिकॉर्ड

किसी कृत्रिम चीज में पार्कर प्रोब ऐसा नाम है जिसने सूर्य के सबसे नजदीक जाने का रिकॉर्ड बनाया है. 31 अक्टूबर दिन बुधवार को सूर्य से इसका सबसे करीबी आमना-सामना होने की संभावना है.

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प्रतीकात्मक फोटो (रॉयटर्स)
प्रतीकात्मक फोटो (रॉयटर्स)

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नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने नया रिकॉर्ड कायम किया है. इस साल लॉन्च हुआ यह प्रोब सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचने वाले इंसानों के बनाए किसी स्पेसक्राफ्ट की फेहरिस्त में शामिल हो गया है. सोमवार को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसकी घोषणा की.

नासा ने अपने एक बयान में कहा, 'स्पेसक्राफ्ट ने 29 अक्टूबर को दिन के 1.04 बजे सूर्य की सतह से अब तक दर्ज 26.55 मिलियन मील की रिकॉर्ड दूरी को पार कर लिया है. इससे पहले जर्मन-अमेरिकी हेलियस-2 एयरक्राफ्ट ने अप्रैल 1976 में सूर्य के सबसे नजदीक जाने का रिकॉर्ड बनाया था.'

डेढ़ अरब डॉलर की लागत से बना यह मानवरहित स्पेसक्राफ्ट अगस्त में लॉन्च किया गया था. इसे इसलिए छोड़ा गया ताकि पता लगाया जा सके कि सोलर सिस्टम में कौन-कौन सी चीजें धरती को प्रभावित करती हैं. स्पेसक्राफ्ट के परीक्षण के पीछे सौर तूफान उठने के कारणों का पता लगाना भी एक मकसद है.

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एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोलर पार्कर ने एक और रिकॉर्ड बनाया है. सूर्य की सतह पर सबसे तेज पहुंचने वाले किसी प्रोब में इसका नाम दर्ज हो गया है. रविवार को 10.54 बजे इस स्पेसक्राफ्ट ने सबसे तेज गति से सूर्य के आसपास उड़ान भरी. नासा ने कहा, 'अब तक 153,454 मील प्रति घंटे हेलियोसेंट्रिक स्पीड का रिकॉर्ड था जिसे हेलियस ने अप्रैल 1976 में हासिल किया था.'  

31 अक्टूबर को पार्कर सोलर प्रोब का सूर्य के साथ सबसे नजदीकी आमना-सामना होने की संभावना है.

नासा ने पार्कर प्रोब की उपलब्धि को ट्वीट करते हुए कहा, 'हम सूर्य को छूने के बिल्कुल नजदीक पहुंच गए हैं. सूर्य की सतह के 26.55 मिलियन मील के भीतर गुजरने के साथ पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के सबसे पास जाने वाला स्पेसक्राफ्ट बन गया.’पार्कर प्रोब का मकसद पृथ्वी की सतह पर सूर्य के पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना है. अगर पार्कर सोलर प्रोब ऐसा करने में कामयाब होता है विज्ञान की दुनिया में अबतक की यह सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है.

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