अफगानी संसद ने सोमवार को तालिबान द्वारा संसद भवन पर किए गए आत्मघाती हमले को विफल करने में सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की, जबकि कुछ सांसदों ने इस घटना में पाकिस्तान की संलिप्तता का आरोप लगाया.
सात आतंकवादियों ने किया हमला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को कम से कम सात आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के वोलेसी जिरगा (संसद का निचला सदन) पर हमला किया. एक आतंकवादी ने गेट पर एक कार बम में विस्फोट कर दिया, जबकि अन्य ने इमारत में घुसने की कोशिश की. लेकिन सतर्क सुरक्षा बलों ने उन्हें अंदर घुसने से रोक दिया.
5 लोगों की मौत व 31 घायल
इस हमले में पांच व्यक्ति मारे गए और 31 अन्य घायल हो गए. संसद के अंदर मौजूद सभी सांसद हमले में सुरक्षित बच गए.
टोलोन्यूज ने कहा कि संसद भवन के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद सांसद मंगलवार को एक विशेष बैठक के लिए संसद पहुंचे, जिसमें सोमवार के हमले पर चर्चा हुई.
हुई सरकार की आलोचना
सांसदों ने सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना की, लेकिन कुछ सदस्यों ने पाकिस्तानी सुरक्षा एवं खुफिया अधिकारियों के साथ पिछले महीने सरकार की हुई बैठकों को लेकर सरकार की आलोचना की.
सांसद दाऊद कालाकानी ने कहा, "पाकिस्तानी हमारे बच्चों की हर रोज हत्या कर रहे हैं, लेकिन हम शांत बैठे हैं. सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे हाल की इन बैठकों में हुई चर्चाओं का ब्यौरा हमें दें."
सुरक्षा अधिकारियों से हो सवाल
एक अन्य सांसद अलमास जाहिद ने कहा कि सोमवार का हमला बहुत संगठित था और उन्हें पता था कि किस तरफ से हमला करना है. उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बल हमलावरों को परास्त करने को प्रतिबद्ध हैं. लेकिन सुरक्षा अधिकारियों से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने (तालिबान आतंकवादियों) संसद पर हमला कैसे किया. कई सांसदों ने आरोप लगाया कि देश के उत्तरी हिस्से में तालिबान आतंकवाद में हाल में हुई वृद्धि के लिए खास सरकारी अधिकारी जिम्मेदार हैं.
- इनपुट IANS