अयोध्या रामलला की जन्मभूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है लेकिन आयोध्या से दूर भागवान राम के ससुराल और सीता माता के मायके नेपाल के जनकपुर में लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
नेपाल के लोग राजा जनक की पुत्री सीता जी को किशोरी जी के नाम से पुकारते हैं, वे चाहते हैं कि जनकपुर धाम की तरह आयोध्या में भी भव्य राम मंदिर का निर्माण हो. जनकपुर मंदिर के महंथ राम रौशनदास कहते हैं कि भगवान राम हमारे पाहुन और यहां के दामाद हैं. जनकपुर उनका ससुराल है, जब तक उन्हें उचित स्थान नहीं मिलेगा, हम कैसे खुश रह सकते हैं.
उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों से लोगों की चाहत है कि जिस भगवान राम के आदर्शों का अनुसरण करके मनुष्य अपने जीवन पथ पर चलता है वही राम आज भी टेंट में रह रहे हैं. हम जनकपुर वासी इससे बहुत दुखी हैं राजमहल में पलने वाली सीता जी का अयोध्या में कोई जगह नही हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि फैसला मंदिर बनाने के पक्ष ही में आएगा.
जनकपुर वो जगह है जहां सीता माता का बचपन बीता. यही वो जगह है जहां स्वंयम्बर हुआ और सिया को राम मिले. बिहार सीमा से मुश्किल से 20 किलोमीटर और माता सीता के प्रकाट्य स्थल सीतामढ़ी से 60 किलोमीटर दूर जनकपुर के लोगों में काफी उत्सुकता है.
सीता माता के मंदिर में बढ़ी भक्तों की भीड़
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आम आदमी से लेकर राजनीतिक दल के नेता तक, सबकी यही चाहत है कि आयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हो. जब से सुप्रीम कोर्ट में आयोध्या में मामले को लेकर सुनवाई चल रही है उस दिन से जनक दुलारी सीता माता के मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ गई है और सबके मन में एक ही आस्था है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर बनाने के हक में आएगा.काठमांडू से दर्शन के लिए आई राधा कोईराला कहती हैं कि राम मंदिर बनना चाहिए और हम चाहते हैं कि जिस प्रकार हम सीता माता का दर्शन करने जनकपुर आते हैं उसी तरह से हम आयोध्या भगवान राम का दर्शन करने जाएं. इससे भारत-नेपाल के बीच संबंध और मजबूत होंगे. नेपाल सामाजिक और सांस्कृति रूप से भारत से जुड़ा हुआ है और भगवान राम का ससुराल जनकपुर नेपाल में होने से लोगों की आस्था एक दुसरे के प्रति ज्यादा है.
विवाह पंचमी की भव्य हो रही तैयारी
जनकपुर धाम के मंदिर के महंथ राम रौशनदास के मुताबिक अगर विवाह पंचमी के पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर बनाने के पक्ष में आता है तो इस बार भव्य विवाह पंचमी समारोह का आयोजन किया जाएगा. वैसे तो विवाह पंचमी हर वर्ष मनाई जाती है लेकिन हर 5 वर्षों के बाद इसका आयोजन भव्य रूप से होता है और संयोग ये है कि इस वर्ष 21 दिसंबर को विवाह पंचमी का पांचवां वर्ष हैं. ऐसे में जनकपुर वासियों को पूरी उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा.महंथ राम रौशन दास बताते हैं कि अगर फैसला पक्ष में आया तो भारत के काफी बड़े-बड़े लोग भगवान राम की बारात के साथ यहां आएंगे और जाहिर है कि समारोह काफी भव्य होगा.
इस आयोजन के लिए जनकपुर को केसरिया रंग में रंगा जा रहा है. पूरे शहर को केसरिया रंग में इसलिए रंगा जा रहा है क्योंकि भगवान राम को केसरिया रंग बेहद पसंद है. यही वजह है कि भगवान हनुमान भी अपने बदन पर केसरिया रंग लगाते थे.
जनकपुर उपमहानगरपालिका के मेयर लालकिशोर साह कहते हैं कि पूरे शहर को केसरिया रंग में रंगने के लिए नगरपालिका के द्वारा आम जनता को मुफ्त में केसरिया रंग उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि जनकपुर धाम आते ही लोग आस्था के रंग में रंग जाएं और इसे सैफरौन सिटी के नाम से भी जाने.