'मैं सोमवार रात को एक शादी में गया था, सुबह अलार्म समय से बजा नहीं, देर से उठा तो स्कूल नहीं गया. बाद में स्कूल में आतंकी हमला सुना.' ये लफ्ज पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल के एक छात्र दाऊद इब्राहिम के हैं, जिसकी खराब अलार्म घड़ी ने उसे बचा लिया.
दाऊद अंडर-16 जूडो टीम में है और अपनी क्लास का अकेला बच्चा है, जो इस आतंकी हमले से बच गया है. दाऊद 15 साल का है और नवीं कक्षा का छात्र है. वह इस हादसे से सदमे में है. दाऊद कल से सिर्फ अपने साथियों की अंतिम यात्रा में शामिल हो रहा है.
दाऊद के भाई सुफयान इब्राहिम ने बताया, 'दाऊद पूरी तरह से सदमे में है, किसी से भी बात नहीं कर रहा है. उसकी क्लास का एक भी बच्चा जिंदा नहीं बचा है. दाऊद बहुत किस्मत वाला है, हम शादी से लौटे थे और थके हुए थे. अलार्म नहीं बजा और सोते रहे, जिससे वह स्कूल नहीं जा पाया.'
पाकिस्तान जूडो फेडरेशन के सचिव मसूद अहमद ने बताया कि दाऊद के साथ ही दूसरे खिलाड़ी अब घायलों को खून देकर मदद कर रहे हैं.