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'हमने मुजाहिदीन बनाए थे वो आतंकी बन गए', पेशावर में 97 पुलिसकर्मियों की मौत के बाद पछता रहा है पाकिस्तान!

पेशावर की मस्जिद पर हमले के बाद पाकिस्तान को अपनी करतूतों पर पछतावा होता दिख रहा है. वहां के गृह मंत्री ने सोवियत-अफगान वार का जिक्र किया है और कहा है कि उस वक्त तो हमने मुजाहिदीन बनाए थे लेकिन वे आतंकी बन गए. पाकिस्तान में अब आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू करने की मांग हो रही है.

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पेशावर की मस्जिद में हुए धमाके के बाद घायलों को ले जाते पुलिसकर्मी (रॉयटर्स)
पेशावर की मस्जिद में हुए धमाके के बाद घायलों को ले जाते पुलिसकर्मी (रॉयटर्स)

आतंकी हमले से लहुलूहान हुआ पड़ोसी देश पाकिस्तान आज अपनी गलतियों पर पछताने का ढोंग कर रहा है. पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह को अब पाकिस्तानी हुक्मरानों का एहसास हो रहा है. राणा सनाउल्लाह ने बुधवार को पाकिस्तान की संसद में पेशावर की मस्जिद में हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले में 101 लोग मारे गए हैं. इनमें 97 तो पुलिसकर्मी हैं. 

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गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पूर्व हुक्मरानों की नीतियां पाकिस्तान में आतंकवाद के पनपने और इस स्तर तक पहुंचने के लिए जिम्मेदार हैं. सनाउल्लाह ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ कट्टरपंथियों की लड़ाई का जिक्र किया और कहा कि हमने तो मुजाहिदीन बनाए थे लेकिन वे आतंकवादी बन गए हैं.  

बता दें कि जब 80 के दशक में जब सोवियत रूस की फौजें अफगानिस्तान में आ गई थीं तो रूसी सैनिकों से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में अपने युवाओं को अफगानिस्तान भेजा था. ये लड़ाके अफगानिस्तान की ओर से रूस के खिलाफ़ लड़ रहे थे. इन्हें ही मुजाहिदीन कहा जाता है. 

अफगानिस्तान से सोवियत सैनिकों के जाने के बाद ये मुजाहिदीन ही तालिबान के सदस्य बन गए और पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकार के लिए सिरदर्द बन गए.  

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इन्हीं का जिक्र करते हुए राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान की सरकारों ने बनाए तो मुजाहिदीन थे लेकिन वे आतंकवादी बन गए.  

पेशावर में घटनास्थल की तस्वीर (फोटो-रॉयटर्स)

बता दें कि कभी 'फूलों के शहर' के नाम से प्रसिद्ध इस शहर में सोमवार को हुए आतंकी हमले के बाद मातम छाया हुआ है. अबतक 101 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 97 तो पुलिसकर्मी हैं. 

अबतक 17 संदिग्ध गिरफ्तार

इस बीच हमले के तीसरे दिन पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि उन्होंने 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ये गिरफ्तारियां पुलिस लाइन इलाके के आसपास से की गई हैं और संदिग्धों को जांच के लिए पूछताछ सेल में ट्रांसफर कर दिया गया है. 

इस बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने आतंकियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कही है. उन्होंने अपने जनरलों को आतंकवाद के खतरे को खत्म करने का निर्देश दिया है.  

फिदायीन हमले के बाद जनरल मुनीर ने सभी कमांडरों को निर्देश दिया कि जब तक हम स्थायी शांति प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक नए संकल्प के साथ खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर फोकस जारी रखेंगे.  बता दें कि आतंकी हमले के बाद जनरल मुनीर प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के साथ पेशावर गए थे और मौके का जायजा लिया था. 

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इस हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ एक बार फिर से अभियान चलाने की बात चल रही है. इस सवाल पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हाई लेवल नेशनल सिक्योरिटी कमेटी इस बात पर फैसला लेगी कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए इस तरह के किसी अभियान को शुरू किया जाए या नहीं.  

संसद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के आतंकवाद के खिलाफ जर्ब-ए-अज्ब जैसा ऑपरेशन शुरू करने के लिए आम सहमति बनाने की जरूरत है. उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री इस दिशा में कदम उठाएंगे. 

 जर्ब-ए-अज्ब ऑपरेशन पाकिस्तानी सेना ने साल 2014 में तब शुरू किया था जब पेशावर के एक मिलिट्री स्कूल में आतंकियों ने हमला किया था. इस हमले में 100 से ज्यादा बच्चों समेत 150 लोग मारे गए थे. 

ख्वाजा आसिफ ने इमरान खान की पिछली सरकार पर तालिबान से बातचीत करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दो साल पहले हमें बताया गया था कि हम इन लोगों (आतंकवादियों) से बात कर सकते हैं, बाद में उन्हें देश में बसने की अनुमति दी गई. 

 

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