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PETA की मांग- बंदर को मिले सेल्फी का अधिकार, कोर्ट में दायर किया केस

चार साल पहले 'नरूटो' नाम के एक काले लंगूर द्वारा एक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डैविड जे स्लेटर के कैमरे से बटन दबाकर ली गई सेल्फी के स्वामित्व अधिकार की लड़ाई अब अदालत पहुंच गई है.

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चार साल पहले 'नरूटो' ने खींची थी सेल्फी
चार साल पहले 'नरूटो' ने खींची थी सेल्फी

चार साल पहले 'नरूटो' नाम के एक काले लंगूर द्वारा एक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डैविड जे स्लेटर के कैमरे से बटन दबाकर ली गई सेल्फी के स्वामित्व अधिकार की लड़ाई अब अदालत पहुंच गई है.

पशु अधिकार संगठन 'पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स' (पेटा) ने सैन फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में फोटोग्राफर डैविड जे स्लेटर और उसकी कंपनी वाईल्डलाइफ पर्सनेलिटीज लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. सैन फ्रांसिस्को स्थित प्रकाशन कंपनी ब्लर्ब इंक को भी प्रतिवादी करार दिया गया है, जिसने 'नरूटो' द्वारा ली गई दो तस्वीरों को अपने एक कलेक्शन में प्रकाशित किया था.

तस्वीरों में शामिल है मशहूर सेल्फी
2011 में इंडोनेशिया में स्लेटर ने एक कैमरे को ट्राईपॉड पर खुला छोड़ दिया था. काले नर लंगूर ने कौतूहलवश कैमरा उठाकर अपनी और अन्य लंगूरों की तस्वीरें लेनी शुरू कर दीं. ली गई तस्वीरों में मशहूर सेल्फी भी शामिल थी. अगर मुकदमे में जीत हासिल होती है तो पहली बार ऐसा होगा, जब एक गैर मनुष्य को किसी चीज (लंगूर की सेल्फी) का स्वामित्व अधिकार दिया जाएगा.

बंदर को तस्वीर का अधिकारी घोषित करने की मांग
पेटा की ओर से मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, मांग की गई है कि लंगूर की मशहूर सेल्फी से संबंधित सभी फैसले 'नरूटो' के नाम ही निर्देशित हों. इसके साथ ही पेटा ने कहा, ''नरूटो' को तस्वीर का अधिकारी घोषित करने की मांग रखी गई है.'

वहीं, स्लेटर का कहना है कि तस्वीर पर ब्रिटेन का स्वामित्व अधिकार दुनिया भर में स्वीकार्य होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'बंदर ने केवल ट्राईपॉड पर रखे कैमरे का बटन दबाया था, जिसे मैंने ही सेट किया था.'

- इनपुट IANS

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