प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे से फोन पर बातचीत की. बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के कारण इटली में हुए जानमाल के नुकसान के लिए अपनी संवेदना भी व्यक्त की. पीएम मोदी ने इस संकट के दौरान इटली के नागरिकों द्वारा दिखाए गए साहस की प्रशंसा की.
दोनों नेताओं ने अपने-अपने देशों के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी की वजह से स्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्रों में पड़े प्रभावों को दूर करने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा की. उन्होंने एक दूसरे के साथ एकजुटता व्यक्त की और एक दूसरे के फंसे हुए नागरिकों के प्रति आपसी सहयोग की सराहना भी की.
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बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोंटे को आवश्यक दवाओं और अन्य वस्तुओं की जरूरत में भारत के अस्थिर सहयोग का आश्वासन दिया. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत और इटली के बीच सक्रिय परामर्श और सहयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की. इस दौरान इटली के प्रधानमंत्री ने उपयुक्त समय पर इटली की यात्रा करने के लिए पीएम मोदी को दिया अपना निमंत्रण भी दोहराया.
इटली का दावाः पहली बार कोरोना वायरस को न्यूट्रलाइज़ करने में मिली कामयाबी
इजराइल के बाद इटली ने भी घोषणा की है कि उसने कोरोनावायरस के इलाज की वैक्सीन बना ली है. और सबसे बड़ी बात ये कि ये वैक्सीन जानवरों के अलावा इंसानों पर भी काम कर रही है. माना जा रहा है कि इस स्टेज तक पहुंचने वाली दुनिया की ये पहली वैक्सीन है. और तो और राजधानी रोम में इंफेक्शियस डिसीज़ के हॉस्पिटल स्पैलैंजानी में इसका कामयाब परीक्षण भी किया जा चुका है.
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बताया जा रहा है कि रोम के स्पैलैंजानी हॉस्पिटल में इस वैक्सीन से चूहों में एंटीबॉडी विकसित किए गए. विकसित एंटीबॉडी वायरस को कोशिकाओं पर हमला करने से रोकेंगी. टेस्ट के दौरान पाया गया कि पांच टीकों ने बड़ी तादाद में एंटीबॉडी पैदा किए और इनमें से दो से तो बेहतरीन नतीजे मिले. लिहाज़ा इन्हीं पर और रिसर्च हुई जिसके बाद ये वैक्सीन तैयार किए जाना का दावा हुआ.