इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद तुर्की की सड़कों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. लेकिन इस बीच एंटाल्या शहर से एक दिलचस्प वीडियो सामने आया है, जहां 'पिकाचू' को पुलिस से बचकर सड़क पर दौड़ लगाते देखा जा सकता है.
प्रदर्शन में शामिल हुआ पिकाचू
पिकाचू की ड्रेस पहने एक प्रदर्शनकारी एर्दोगन विरोधी आंदोलन में शामिल होने पहुंचा था. जब पुलिस ने पानी की बौछार करके गुस्साए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की तो गिरफ्तारी से बचने के लिए जापानी पोकेमोन कार्टून सीरियल के कैरेक्टर पिकाचू की ड्रेस पहले हुए एक प्रदर्शनकारी सड़क पर भागता दिखा. उसके साथ बाकी प्रदर्शनकारी भी पुलिस से बचने के लिए सड़क पर दौड़ लगाते नजर आए.
पिकाचू पोकेमोन की सबसे पॉपुलर कैरेक्टर्स में से है. पोकेमोन के हर सीजन में पिकाचू मुख्य किरदार के रूप में होता है. पिकाचू पोकेमोन फ्रैंचाइज़ी का मुख्य किरदार होने के साथ-साथ इसका मस्कट भी है और पिछले कुछ सालों से जापानी पॉप कल्चर का आइकॉन भी है.
वायरल वीडियो पर तुर्की के प्रमुख सियासी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) ने भी प्रतिक्रिया दी है. सीएचपी ने X पर कहा कि पिकाचू पर भी पेपर स्प्रे का असर होता है. बता दें कि एकरेम इमामोग्लू इसी पार्टी के सदस्य हैं. इमामोग्लू और उनके एडवाइजर समेत 20 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में तुर्की में हो रहे प्रदर्शन ने दुनियाभर में सुर्खियां बंटोरी हैं. लेकिन सरकार ने विदेशी बयानों को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए खारिज कर दिया.
दो हजार से ज्यादा की गिरफ्तारी
इमामोग्लू कुछ सर्वे में राष्ट्रपति एर्दोगन से आगे चल रहे थे. लेकिन एक अदालत ने कथित भ्रष्टाचार के आरोप में रविवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और हिरासत में रखने का आदेश दिया है. अधिकारियों के मुताबिक भ्रष्टाचार की जांच के तहत राष्ट्रपति एर्दोगन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद से अब तक करीब दो हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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इमामोग्लू ने पहली बार 2019 में तुर्की की सत्ताधारी सरकार को बड़ा झटका दिया था, जब उनकी पार्टी ने इस्तांबुल पर कब्ज़ा कर लिया, जो पिछले 25 साल से एर्दोगन की पार्टी का गढ़ रहा है. नगरपालिका चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एर्दोगन की सरकार ने तुर्की के सबसे बड़े शहर में फिर से चुनाव कराने की मांग की. लेकिन नतीजा पहले जैसा ही रहा.
इमामोग्लू पर भ्रष्टाचार के आरोप और एक आतंकवादी संगठन का समर्थन करने का आरोप लगा है. इस कदम को 2028 की राष्ट्रपति पद की दौड़ से पहले एर्दोगन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी को चुप कराने की राजनीतिक कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. सीएचपी ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर इमामोग्लू को नामित कर दिया है.