पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ को फील्ड मार्शल का दर्जा देने के लिए याचिका दाखिल की गई है. ऐसी ही याचिका इस्लामाबाद हाईकोर्ट में भी पहले दाखिल की गई थी जिसे खारिज कर दिया गया था. हाईकोर्ट के उस फैसले को ही चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. बता दें कि 60 वर्षीय जनरल राहिल 29 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं.
ये याचिका रावलपिंडी बार एसोसिएशन (आरबीए) के सदस्य अदनान मजारी की ओर से दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि जनरल राहिल का कार्यकाल बढ़ाना और उन्हें फील्डमार्शल का दर्जा देना जनहित में होगा.
याचिका में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पाकिस्तान सरकार और रक्षा मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है. मजारी के मुताबिक इस्लामाबाद हाईकोर्ट का आदेश अवैध, गैर कानूनी और असंवैधानिक है क्योंकि इसमें उस दर्जे (फील्डमार्शल) पर विचार नहीं किया गया जिसे पूरे विश्व में मान्यता प्राप्त है और पाकिस्तान इससे कोई अलग नहीं है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि मौजूदा चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (जनरल राहिल) ने शांति और युद्ध के समय जिस तरह का अनुकरणीय, असाधारण और पेशेवर प्रदर्शन किया, जिस तरह का समर्पण और निष्ठा दिखाई, उसकी वजह से वे राष्ट्रीय प्रशंसा, अवार्ड और पहचान पाने के पूरी तरह योग्य हैं. याचिका में ये भी कहा गया कि पाकिस्तान के संविधान में कहीं भी प्रतिस्थापित नहीं है कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का कार्यकाल निश्चित ही होगा.
याचिका में ग्लोबल टेरेरिज्म इंडेक्स 2016 का हवाला देते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान में पिछले साल आतंकवाद में काफी कमी आई है. पिछले साल पाकिस्तान में उससे पहले के साल की तुलना में 45 फीसदी कम हमले और 38 फीसदी कम मौते हुईं.
जनरल राहिल 29 नवंबर को सेना प्रमुख के तौर पर अपने उत्तराधिकारी को चार्ज सौंपेंगे. राहिल शरीफ ने इस साल जनवरी में ही साफ कर दिया था कि वो सेना प्रमुख के तौर पर कार्यकाल का विस्तार नहीं चाहते और अपने तय समय पर रिटायर हो जाएंगे.