प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ग्लास्गो (Glasgow) में इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स इनिशिएटिव (IRIS) की लॉन्चिंग के मौके पर दुनिया को जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के बढ़ते खतरों के बारे में बताया.
पीएम मोदी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेसिलिएंट आइलैंड स्टेट्स इनिशिएटिव (IRIS) का लॉन्च होना एक नई आशा जगाता है और नया विश्वास देता है. ये खतरे की कगार पर खड़े देशों के लिए कुछ करने का संतोष देता है. मैं इसके लिए कोलिशन फॉर डिजास्टर रिसाइलिएंट इन्फ्रास्ट्र्क्चर (Coalition For Disaster Resilient Infrastructure) को बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने साफ किया है कि क्लाइमेट चेंज के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है. चाहे वो विकसित देश हों या फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों. सभी के लिए ये बहुत बड़ा खतरा है. इसमें भी क्लाइमेट चेंज से सब से अधिक खतरा स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (SIDS) को है.
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए CDRI या IRIS सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं है. बल्कि ये मानव कल्याण के अत्यंत संवेदनशील दायित्व का हिस्सा है. ये मानव जाति के प्रति हम सभी की कलेक्टिव जिम्मेदारी है. ये एक तरह से हमारे पापों का साझा प्रायश्चित है.
उन्होंने कहा, 'भारत की स्पेस एजेंसी ISRO, SIDS के लिए एक स्पेशल डेटा विंडो का निर्माण करेगी. इससे SIDS को सैटेलाइट के माध्यम से सायक्लोन, कोरल-रीफ मॉनीटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनीटरिंग आदि के बारे में समय पर जानकारी मिलती रहेगी.'
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'मैं IRIS के लॉन्च को बहुत अहम मानता हूं. इसके जरिए SIDS सिड्स को टेक्नोलॉजी, फाइनेंस की जरूरी जानकारी तेजी से मोबिलाइज करने में आसानी होगी. स्माल आईलैंड स्टेट्स में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेगा.'
जलवायु परिवर्तन पर भारत की उपलब्धियां गिनाईं
ग्लासगो में हुई कोप-26 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन पर भारत की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने 2030 तक का खाका पेश किया और दुनिया को पंचामृत फॉर्मूला दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले पेरिस सम्मेलन की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसा मुद्दा भारत के लिये सिर्फ एक वादा नहीं बल्कि एक कमिटमेंट है, जिसे पूरी शिद्दत के साथ पूरा किया गया है. वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग को जीतने के लिए वन वर्ड मूवमेंट प्रस्ताव रखा. उन्होंने दुनिया को LIFE मंत्र दिया.