प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टेट डिनर से पहले अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन बोलने में सॉफ्ट हैं, लेकिन फैसले लेने में स्ट्रॉन्ग हैं. जैसे-जैसे समय गुजर रहा है हमारे लोगों में एक-दूसरे के प्रति समझ और बढ़ रही है, एक-दूसरे के नामों को सही उच्चारण कर पाते हैं.
उन्होंने कहा कि अब भारत में बच्चे हैलोवीन पर स्पाइडरमैन बनते हैं और अमेरिका के युवा नाटू-नाटू पर डांस करते हैं. बेसबॉल की प्रसिद्धि के बीच अमेरिका में आज क्रिकेट भी पॉपुलर हो रहा है. इस साल भारत में होने वाले क्रिकेट विश्वकप में खेलने के लिए अमेरिका की टीम क्वालीफाई करने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है. मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं. यह शाम दोनों देशों के लोगों की उपस्थिति से विशेष बन गई है. वे हमारी सबसे कीमती संपत्ति हैं. PM ने कहा, भारतीय मूल के अमेरिकी सभी क्षेत्रों में छाप छोड़ रहे हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने स्टेट डिनर के लिए जो बाइडन को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि आपने अपने घर के दरवाजे मेरे लिए खोले, स्पेशल गेस्ट के लिए. मैंने देखा है कि मेहमाननवाजी से प्रभावित होकर कई बार लोग गाना भी गाने लगते हैं. काश! मुझमें भी गाने की कला होती तो मैं भी गाना सुनाता. जापान मं क्वाड समिट में आपने मुझे एक समस्या बताई थी. मुझे विश्वास है कि आपने उस समस्या का समाधान कर लिया होगा. जितने लोग यहां आना चाहते थे, उनके लिए सीट फिट कर ली होगी.
पीएम मोदी ने बताया कि भारतीय अमेरिकियों ने अमेरिका के समावेशी समाज और अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने जो बाइडेन के साथ कई विषय में चर्चा की. शायद हमारी टीम्स नोट्स लेते-लेते भी थक गई होगी लेकिन फिर भी ऐसा लग रहा था कि समय कम रह गया है. मैं भारत और अमेरिका के रिश्तों पर अब और नहीं बोलना चाहता क्योंकि यह आज मेरा 5वां या छठा संबोधन है.
इसके बाद पीएम मोदी ने अपने 2014 के दौरे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा- मिस्टर प्रेसिडेंट! जब आपने 2014 में मेरे लिए बैंक्वेट रखा था, तब संयोग से मेरे नवरात्र के मेरे व्रत चल रहे थे. मुझे याद है आप बार-बार मुझसे पूछ रहे थे कि मैं व्रत के दौरान क्या कुछ भी नहीं खाऊंगा लेकिन मेरे लिए कुछ भी खाना संभव नहीं था और आप उस समय मेरे लिए बहुत कंसर्न भी थे. उस समय मुझे प्रेम से कुछ खिलाने की आपकी जो इच्छा थी, मुझे लगता है कि वह आज पूरी हो रही है.
मिस्टर प्रेसिडेंट ! पिछले 5 दशकों से बदलते विश्व में उथल-पुथल के बीच अपने देश की और पूरी मानवता की सेवा में जुटे हुए हैं. आपने हर एडवर्सिटी को स्ट्रेंथ में बदला है, आपने हर लॉस को रिसॉल्व में बदला है और हर चैलेंज को मिशन के रूप में लिया है.