शनिवार से शुरू होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिन की यात्रा में बांग्लादेश के साथ सीमा समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. साथ ही इन क्षेत्रों में बसे 44,000 लोगों को उनकी नागरिकता भी मिल जाएगी. चार दशक से अधर में लटके इस समझौते के साथ भारत-बांग्लादेश के बीच सीमा क्षेत्रों की अदला-बदली होगी.
Just landed in Dhaka. Happy to be here and send my first tweet from here. My greetings to all my brothers and sisters in Bangladesh
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 5, 2015
1971 के मुक्तिवाहिनी लड़ाकों के स्मारक से शुरू होगी यात्रा
मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां
बांग्लादेश की पहली यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं और दोनों देशों को इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के नयी ऊंचाइयों तक पहुंचने तथा आर्थिक एवं व्यापार संबंधों की संभावना के दोहन करने की उम्मीद है. मोदी के दो दिवसीय दौरे से पहले राजधानी ढाका में उनके भव्य स्वागत की तैयारियां हो रही हैं. सड़कों पर मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के विशाल कटआउट्स लगे हैं.
मोदी से पहले बांग्लादेश पहुंची ममता
ममता बनर्जी शुक्रवार रात यहां पहुंच गईं. वे कोलकाता-ढाका-अगरतला बस सेवा की शरुआतत के लिए समारोह में शामिल होंगी. वह एक भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर भी करेंगी.
दोनों देशों के पुराने संबंध और 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को रेखांकित करने वाले बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विशाल कटआउट्स भी सड़कों पर लगे हैं.
बांग्लादेशी नेताओं ने किया स्वागत
अवामी लीग के सांसद मोहम्मद मोनीरूल इस्लाम ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर हम सचमुच उत्साहित हैं. हम मानते हैं कि एलबीए पर हस्ताक्षर और कोलकाता-ढाका-अगरतला बस सेवा की शुरुआत से नया अध्याय आरंभ होगा और द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे.’ इस्लाम ने कहा कि मजबूत द्विपक्षीय संबंधों से आतंकवाद और कट्टरपंथ के खतरे से निपटने में भी मदद मिलेगी.
बस सेवा की होगी शुरुआत
मोदी और हसीना कोलकाता और अगरतला के बीच ढाका होते हुए एक बस सेवा और ढाका-शिलॉन्ग-गुवाहाटी बस सेवा की शुरुआत करेंगे. दोनों देश रेल संपर्क को मजबूत करने, खास कर 1965 से पहले से अस्तित्व में रहे रेल संपर्कों को पुनर्जीवित करना चाहते हैं. दोनों देश एक तटीय जहाजरानी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे ताकि भारत से आने वाले छोटे पोत बांग्लादेशों के विभिन्न बंदरगाहों पर लंगर डाल सकें. अभी इन पोतों को सिंगापुर हो कर जाना पड़ता है.
भारत बांग्लादेश में बंदरगाहों की स्थापना में भारतीय कंपनियों की भागीदारी के लिए जोर देगा. बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल मोटर वाहन समझौते का मुद्दा भी मोदी की हसीना के साथ बातचीत में उठने की संभावना है. इस समझौते पर जल्द हस्ताक्षर होने की संभावना है. इसमें पाकिस्तान शामिल नहीं है.
-इनपुट भाषा से