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इजरायल-हमास जंग के बीच पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति को क्यों किया फोन?

मोदी और रईसी ने चाबहार बंदरगाह सहित द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति का स्वागत किया. मोदी ने आतंकी घटनाओं, हिंसा और नागरिकों की मत पर चिंता जताई. इजरायल फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के दीर्घकालीन और सतत रुख की प्रतिबद्धता जताई. रईसी ने भी इस स्थिति पर अपनी राय रखी. 

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इब्राहिम रईसी के साथ पीएम मोदी
इब्राहिम रईसी के साथ पीएम मोदी

इजरायल और हमास युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ibrahim Raisi) से फोन पर बात की. दोनों नेताओं के बीच पश्चिम एशिया की मौजूदा स्थिति और इजरायल हमास को लेकर बात हुई.

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मोदी और रईसी ने संघर्षविराम की जरूरत, मानवीय सहायता जारी रखने, शांति बहाली और सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने चाबहार बंदरगाह सहित द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का स्वागत किया.

मोदी ने रईसी से बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि आतंकी घटनाएं, हिंसा और नागरिकों की मौत चिंता का विषय है. संघर्षविराम, मानवीय सहायता जारी रखना और शांति एवं स्थिरता की बहाली जरूरी है. 

इस दौरान पीएम मोदी ने इजरायल फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के दीर्घकालीन और सतत रुख की प्रतिबद्धता जताई.

7 अक्टूबर से जारी है जंग

सात अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमला कर दिया था. इसके तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था. इन दो हफ्तों की जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो गई है.

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इजरायल और हमास जंग में मरने वालों फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या बढ़कर 8306 हो गई है. अब तक गाजा के 23 लाख में से आधे नागरिकों ने अपना घर छोड़ दिचा है. इस जंग में 1400 से अधिक लोग घायल हुए हैं. हमास के लड़ाकों ने 200 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बनाकर रखा है. हमास का दावा है कि इजरायली बमबारी में 50 से ज्यादा बंधकों की मौत हो गई है. 

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