नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा परिषद में भारत को जगह दिए जाने की वकालत करते हुए कहा,' UNSC में दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र को जगह मिलनी ही चाहिए.' उन्होंने इसी सत्र में सुधार किए जाने की अपील की है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज के दौर में दुनिया काफी बदल चुकी है. क्लाइमेट चेंज, आतंकवाद, गरीबी जैसी कई चुनौतियां दुनिया के सामने खड़ी हैं. शांति और सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है.
मोदी ने कहा कि आज हर व्यक्ित का जीवन ग्लोबलाइजेशन से प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि हर किसी तक विकास का फायदा पहुंचना चाहिए.
भाषण की शुरुआत में मोदी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि 10 साल बाद आज हम एक साथ मिल रहे हैं.'
2004 के बाद पहला G-4 शिखर सम्मेलन
भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी G-4 में शामिल हैं, जिसकी शिखर बैठक हो रही है. इसमें भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शीघ्र सुधारों की जोरदार वकालत की जा रही है. वर्ष 2004 के बाद यह पहला जी-4 शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसकी मेजबानी भारत कर रहा है.
Joining ranks...the G4 leaders meet at a summit hosted by India in New York. @AbeShinzo @dilmabr pic.twitter.com/LwRk5yQMJh
— PMO India (@PMOIndia) September 26, 2015
इस शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे भाग ले रहे हैं. 'दशकों बाद नजर आई गति'
संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर दस्तावेज आधारित वार्ता शुरू करने के संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाल के निर्णय का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'दशकों बाद अंतत: हमने कुछ गति देखी. महासभा के 69वें सत्र में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'यह केवल पहला कदम है, हमें 70वें सत्र के दौरान इसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहिए.'
जर्मनी, ब्राजील व जापान की भी राय एक
बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति दिल्मा रूसेफ, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और जापान के प्रधानमंत्री शिजो एबे ने भी अपने विचार रखे. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जी4 कोई विशिष्ट समूह नहीं है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को सुनिश्चित करने के लिए अन्य लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करता है.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने इस बैठक को सुनहरा अवसर करार देते हुए कहा कि परिवर्तन के लिए जबर्दस्त गति मिली है और बड़े देशों की आवाजों को सुना जाना चाहिए. ब्राजील की रूसेफ ने भी विश्व संस्था में तुरंत सुधार की जरूरत को रेखांकित किया.
दूसरी बार जी-4 का आयोजन
जी-4 शिखर सम्मेलन का आयोजन दूसरी बार किया जा रहा है. पहला जी-4 शिखर सम्मेलन 2004 में उस समय हुआ था, जब चार बहुत महत्वपूर्ण देशों ने परिषद सुधार पर जोर देने के लिए यह समूह गठित किया था.
15 देशों की UNSC में सुधार और विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है. इस वैश्विक संस्था का जब गठन हुआ था, उस समय इसमें केवल 51 देश शामिल थे, लेकिन इसके सदस्यों की संख्या अब बढ़कर 193 हो गई है.
अब तक केवल एक बार विस्तार
UNSC का 1963 से 1965 के बीच केवल एक बार विस्तार किया गया था. उस सयम अस्थायी सदस्यों की संख्या 11 से बढाकर 15 करने का प्रस्ताव पारित किया गया था.