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चीनी प्रोडक्ट बढ़ा रहे भारत का व्यापार घाटा, मोदी ने रखी बात, 24 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

भारत और चीन सीमा संबंधी मुद्दे पर ज्यादा आगे बढ़ने में नाकाम रहे, क्योंकि दोनों पक्ष जल्द निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान की मांग को दोहराते रहे हैं. चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच 24 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इसमें जनसंपर्क को बढ़ावा देने की बात भी शामिल है.

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PM Modi in China
PM Modi in China

भारत और चीन सीमा संबंधी मुद्दे पर ज्यादा आगे बढ़ने में नाकाम रहे, क्योंकि दोनों पक्ष जल्द निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान की मांग को दोहराते रहे हैं. चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच 24 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए . इसमें जनसंपर्क को बढ़ावा देने की बात भी शामिल है.

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मोदी ने बीजिंग में पहले ली केकियांग के साथ बातचीत की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की. मोदी ने कहा कि चीन के नेतृत्व के साथ हमारी बातचीत सरल, रचनात्मक और मैत्रीपूर्ण रही. हमने अपने संबंधों की सुगम प्रगति को बाधा पहुंचाने वाले मुद्दों सहित सभी मसलों पर बात की. इस बातचीत में वे मुद्दे भी शामिल हैं, जो रिश्तों को आगे बढ़ाने में बाधा पैदा कर रहे हैं.

सकारात्मक लगा चीन का रवैया: मोदी
मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शियान में शिखर स्तरीय वार्ता की, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा की गई. मोदी ने कहा, 'मैंने कुछ मुद्दों पर चीन को अपने नजरिए पर फिर से विचार करने पर बल दिया, जो हमें अपने संबंधों का पूरा फायदा उठाने से रोकते हैं. मैंने सुझाव दिया कि चीन को हमारे संबंधों के रणनीतिक और दीर्घकालिक नजरिए पर गौर करना चाहिए. इस बारे में मुझे चीन का रवैया सकारात्मक लगा.'

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मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के सभी प्रयास करने की पक्की प्रतिबद्धता पर फिर बल दिया. मोदी ने कहा, 'उन्होंने इस मुद्दे पर हमारी चिंताओं पर संवेदनशीलता दिखाई तथा विश्वास बहाली के उपाय और तेज करने को लेकर रुचि दिखाई. मैंने इस संबंध में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को स्पष्ट करने के महत्व पर भी बल दिया.'

उन्होंने कहा कि मैंने वीजा नीति और सीमा पार नदियों संबंधी मुद्दों पर ठोस प्रगति पर बल दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपनी कुछ क्षेत्रीय चिंताओं पर भी चर्चा की.

व्यापार की बाधाएं दूर करने पर सहमति
जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया कि सीमा मसले को शीघ्र निपटाने के लिए इसे रणनीतिक मकसद के तौर पर देखा जाना चाहिए और दोनों ही देश इस मुद्दे का राजनीतिक समाधान तलाशने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. बयान में कहा गया है कि भारत और चीन के रिश्ते वास्तव में एशिया में 21वीं सदी में एक निर्णायक भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं.

द्विपक्षीय व्यापार पर दोनों देशों के बीच बाधाओं को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने व एक दूसरे की अर्थव्यवस्था की बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए सुविधा प्रदान करने पर सहमति बनी. इसके अलावा, दोनों देशों ने विषम द्विपक्षीय व्यापार को कम करने के लिए कदम उठाने का संकल्प लिया.

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मोदी ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग दोनों ने मेरी ओर से उठाए गए हमारे बढ़ते व्यापार घाटे पर बेहद गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया.

मोदी गुरुवार देर रात अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव बीजिंग पहुंचे और शियान में शी जिनपिंग के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए ट्वीट कर जिनपिंग का धन्यवाद जताया.

(इनपुट: IANS)

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