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पीएम मोदी से तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने की मुलाकात, कभी UN में उठाया था कश्मीर मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय उज्बेकिस्तान के समरकंद में हैं. वो यहां शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने आए हैं. यहां मुख्य कार्यक्रम से इतर पीएम मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर बात की.

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पीएम मोदी तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ (Photo : PMO/Twitter)
पीएम मोदी तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोआन के साथ (Photo : PMO/Twitter)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन से मुलाकात की. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंचे मोदी की तुर्की के राष्ट्रपति से यहां द्विपक्षीय संबंधों पर अलग से बैठक हुई. 

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अलग-अलग क्षेत्रों में बढ़ाएंगे सहयोग

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन के साथ मुलाकात की. समरकंद में हुई इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच अलग-अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के तौर तरीकों पर बातचीत हुई.

दोनों नेताओं की मुलाकात के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों के बीच काफी उपयोगी बातचीत हुई. दोनों ने जहां द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की, साथ ही दोनों देशों के बीच हाल में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने की सराहना भी की. मोदी और एर्दोआन के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों को लेकर भी चर्चा हुई. 

एर्दोआन ने UN में उठाया था कश्मीर मसला

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन को पाकिस्तान का करीबी सहयोगी माना जाता है. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में उन्होंने अपने संबोधन में बार-बार कश्मीर मसले का जिक्र किया था. भारत ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए राष्ट्रपति एर्दोआन के बयान को 'पूर्णतया अस्वीकार्य' करार दिया था. साथ ही कहा था कि तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. साथ ही अपनी नीतियों पर गहराई से ध्यान देना चाहिए.

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SCO का होना है विस्तार

साल 2001 में बने SCO में कुल आठ सदस्य देश हैं. इसमें चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शुरुआत से हैं. जबकि भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य बने. वहीं कई सारे देश आब्जर्वर कंट्री की तरह SCO में शामिल हैं. इनमें अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया हैं. वहीं कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका, तुर्की, अर्मेनिया और अजरबेजान इस संगठन के डायलॉग पार्टनर हैं. 

समरकंद SCO शिखर सम्मेलन में इस संगठन का दूसरा विस्तार होना है. इस बार ईरान को इस ग्रुप में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल किया जाना है. SCO का पिछला विस्तार 2017 में भारत और पाकिस्तान को पूर्ण सदस्य बनाकर किया गया था.  इतना ही नहीं इस बार चार अन्य देश ऑब्जर्वर स्टेट और छह देश  डायलॉग पार्टनर भी बन सकते हैं. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ईरान अगले शिखर सम्मेलन में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल होगा.  SCO का अगला शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित होना है.

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