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जिस 'रेल फोर्स वन' से पोलैंड से यूक्रेन जाएंगे PM मोदी, जानें उस ट्रेन की खासियत

यूक्रेन में युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर एयरपोर्ट्स बंद हैं जबकि सड़क से सफर करना बहुत जोखिमभरा है. ऐसे में यूक्रेन में वर्ल्ड लीडर्स यूक्रेन जाने के लिए ट्रेन से यात्रा करने को सबसे अधिक सुरक्षित मानते हैं. लेकिन ये कोई साधारण ट्रेन नहीं है बल्कि विशेष रूप से डिजाइन की गई लग्जरी ट्रेन है.

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पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा
पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं. वह पोलैंड के बाद 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर होंगे. वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर कीव जा रहे हैं. उनके यूक्रेन दौरे की एक खास बात ये है कि वह एक विशेष ट्रेन रेल फोर्स वन (Rail Force One) के जरिए पोलैंड से कीव जाएंगे. ऐसे में इस लग्जरी ट्रेन की खासियत जान लेना जरूरी हो जाता है. 

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यूक्रेन में युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर एयरपोर्ट्स बंद हैं जबकि सड़क से सफर करना बहुत जोखिमभरा है. ऐसे में यूक्रेन में वर्ल्ड लीडर्स यूक्रेन जाने के लिए ट्रेन से यात्रा करने को सबसे अधिक सुरक्षित मानते हैं. लेकिन ये कोई साधारण ट्रेन नहीं है बल्कि विशेष रूप से डिजाइन की गई लग्जरी ट्रेन है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओल्फ स्कॉल्ज तक यात्रा कर चुके हैं. 

ट्रेन से पीएम मोदी का कितना लंबा होगा सफर?

पीएम मोदी इस विशेष ट्रेन से 23 अगस्त को युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचेंगे. यूक्रेन की रेलवे कंपनी Ukrzaliznytsia के सीईओ ने इसे रेल फोर्स वन का नाम दिया था. इसे यूक्रेन की आयरन डिप्लोमेसी के तौर पर देखा जाता है. प्रधानमंत्री मोदी इस विशेष ट्रेन से कुल मिलाकर 20 घंटे का सफर करेंगे. इसमें से दस घंटे यूक्रेन पहुंचने और दस घंटे यूक्रेन से वापस पोलैंड पहुंचने में लगेंगे.  

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लग्जरी और सिक्योरिटी का पैकेज है ट्रेन

यह लग्जरी ट्रेन फोर्स वन एक विशेष ट्रेन है. इस ट्रेन के भीतर विशेष लकड़ी से तैयार कैबिन बने हैं. बैठकों के लिए लंबी-लंबी टेबल और सोफे लगे हैं. साथ ही टीवी की भी सुविधा है. इतना ही नहीं सोने के लिए कंफर्टेबल बिस्तर हैं.

इन लग्जरी ट्रेनों को क्रीमिया जाने वाले पर्यटकों के लिए तैयार किया गया था. लेकिन रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से इन ट्रेनों का इस्तेमाल युद्ध के समय वर्ल्ड लीडर्स और वीआईपी गेस्ट को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है. 

इन ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन की जगह डीजल इंजन लगे हैं. इसकी वजह है कि हमलों में पावर ग्रिड के प्रभावित होने के बावजूद ट्रेन सामान्य रूप से ऑपरेट होती रहे. इन ट्रेनों के सफल ऑपरेशन का श्रेय यूक्रेन रेलवे के सीईओ कैमिशिन को जाता है. उन्हें 2021 में रेलवे का सीईओ नियुक्त किया गया था. उनकी अगुवाई में देशभर में ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही है.

वहीं, इन विशेष लग्जरी ट्रेनों में वीआईपी गेस्ट के ट्रैवलिंग के दौरान वह खासतौर से सिक्योरिटी पर नजर रखते हैं. इस वजह से अभी तक इन ट्रेनों में सिक्योरिटी ब्रीच का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

डिप्लोमैटिक कदम!

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पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा डिप्लोमैटिक मिशन से कहीं अधिक है. इसे उनकी संतुलन की कूटनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने जुलाई में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. पुतिन से मुलाकात के बाद ही वह यूक्रेन में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करने जा रहे हैं. यह एक तरह से पीएम मोदी की जेलेंस्की से चौथी मुलाकात होगी.

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