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ऑस्ट्रेलिया में बोले PM मोदी- CM बनने के पहले से ही गांधीजी को मानता रहा हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि वे सीएम बनने के पहले से ही गांधीजी के सिद्धांतों को मानते रहे हैं. मोदी ने कहा कि दुनिया अगर गांधी के बताए रास्ते पर चले, तो कई समस्याएं समाप्त हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि गांधी आज भी पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं.

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ब्रिस्बेन में लोगों को सम्बोधित करते मोदी
ब्रिस्बेन में लोगों को सम्बोधित करते मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि वे सीएम बनने के पहले से ही गांधीजी के सिद्धांतों को मानते रहे हैं. मोदी ने कहा कि दुनिया अगर गांधी के बताए रास्ते पर चले, तो कई समस्याएं समाप्त हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि गांधी आज भी पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक हैं. ऑस्ट्रेलिया में भी दिखा मोदी का जलवा

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मोदी ने कहा, 'कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने गांधीजी की बातें ज्यादा करनी शुरू कर दी हैं, जबकि मैं सीएम बनने के पहले से ही उन्हें मानता रहा हूं.

आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए महात्मा गांधी की सलाह पर ध्यान देने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि अहिंसा और प्रेम की महात्मा की शिक्षा आज भी प्रासंगिक हैं.

नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्वी राज्य क्वींसलैंड के शहर ब्र‍िस्बेन में रोमा स्ट्रीट पार्कलैंड में गांधीजी की 2.5 मीटर ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा, 'मैं दृढ़ता से मानता हूं कि महात्मा गांधी आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने अपने समय में थे.'

क्वींसलैंड के गवर्नर पॉल डि जर्सी और ब्रिस्बेन के मेयर ग्राहम क्विर्क की मौजूदगी में और समारोह में जमा भारतवंशी समुदाय के लोगों की तालियों के बीच मोदी ने कहा, '2 अक्तूबर (1869) को पोरबंदर में एक व्यक्ति का नहीं, पूरे युग का जन्म हुआ था.' मोदी ने कहा, 'दुनिया दो बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है- एक आतंकवाद और दूसरी ग्लोबल वॉर्मिंग. ये समस्याएं चिंता पैदा करती हैं.'

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने इन मुद्दों पर काफी देर चर्चा की. उन्होंने कहा, 'अगर हम गांधीजी के जीवन और उनकी शिक्षा को देखें, तो हमें आज दुनिया के सामने मौजूद समस्याओं के समाधान मिल जाएंगे.'

मोदी ने कहा कि गांधी का मानना था कि सभी को अहिंसा का पालन करना चाहिए. वह मानते थे कि हमें किसी को अपने शब्दों से आहत नहीं करना चाहिए, हाथ उठाने की बात तो छोड़ ही दें.'

प्रधानमंत्री ने दुनिया के आगे बढ़ने के लिए सभी को सम्मान, सभी समान का मंत्र देते हुए कहा, 'अगर दुनिया ने गांधीजी के अहिंसा के सिद्धांत को आत्मसात किया होता, तो मेरा मानना है कि हम कई समस्याओं को सुलझा लेते.'

मोदी ने कहा, 'आज कुछ पक्ष अधिक से अधिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं और बेगुनाह मारे जा रहे हैं. इससे बचा जा सकता है और हम दुनिया को इससे बचा सकते हैं.' उन्होंने कहा कि अहिंसा केवल अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई का साधन नहीं थी, बल्कि आस्था की चीज थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी ने हमेशा प्रकृति से प्रेम का उपदेश दिया और उनकी खुद की जीवनशैली में यह बात झलकती है. गांधी ने कहा था कि प्रकृति सभी की जरूरतों को पूरा कर सकती है, लेकिन उसके पास व्यक्ति के लालच को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं.

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मोदी ने कहा, 'ग्लोबल वॉर्मिंग के पीछे सदियों से प्रकृति का शोषण करने की व्यक्ति की लोभ-लालसा रही है. इस वजह से समस्या होती है. अगर हमने विवेकपूर्ण तरीके से प्रकृति का इस्तेमाल किया होता, तो दुनिया प्रकृति के शोषण के भयावह परिणामों से बच जाती. दुनिया धीरे ही सही, लेकिन सकारात्मक तरीके से गांधी के व्यापक संदेश को समझ रही है.'

---इनपुट भाषा से

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