अपने दो दिन के मलेशिया दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सिंगापुर पहुंचे. वहां उन्होंने 37वें सिंगापुर लेक्चर कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत आज एक साथ कई दिशाओं में तरक्की कर रहा है, लेकिन वह सफलता और इस ओर परिश्रम को आंकड़ों में नहीं बल्कि लोगों के चेहरों पर खुशी के रूप में देखते हैं. मोदी ने इस दौरान आतंकवाद को धर्म से अलग रखने पर भी जोर दिया. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ साझा जंग पर भी जोर दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम अपने कानूनों, नियमों, नीतियों, प्रक्रियाओं और संस्थाओं में सुधार से अवसरों का सृजन कर रहे हैं. संसाधनों की कमी हमारी प्रेरणा, कल्पना और नवाचार के लिए कोई बाधा नहीं है. हमारे प्रयासों का उद्देश्य लोग होते हैं और वे ही परिवर्तन के पीछे की शक्ति होंगे. मैं सफलता और इस ओर परिश्रम को आंकड़ों में नहीं बल्कि लोगों के चेहरों की चमक में खुशी के रूप में देखता हूं.'
सिंगापुर की सफलता के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा , 'सिंगापुर की सफलता भारतीयों के प्रेरणा है, वहीं भारत एक शांतिपूर्ण, संतुलित और स्थिर दुनिया की उम्मीद बन रहा है. सिंगापुर एक ऐसा देश है जो सपनों के सच होने का प्रतीक बन गया है. यह देश हमें बहुत कुछ सिखाता है. किसी राष्ट्र का आकार उसकी उपलब्धियों के पैमाने के लिए कोई बाधा नहीं होता.'
पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए नहीं है, बल्कि भारतीयों को सोचने, जीने और काम करने के तरीके में बदलाव के लिए भी है.
'आतंकवाद अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार रहा'
सिंगापुर में आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. ये न सिर्फ जिंदगियों को खत्म कर रहा है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी पटरी से उतार रहा है. हम आतंकवाद को धर्म से जोड़ते हैं, लेकिन हर धर्म यह परिभाषित करता है कि मानव मूल्यों पर जोर देना चाहिए. हमें आतंकवाद को धर्म से अलग रखना चाहिए.'
प्रधानमंत्री ने रविवार को कुआलंपुर में भी आतंकवाद को दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बताया था. तब प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को धर्म से अलग करने का आह्वान करते हुए कहा था कि दुनिया को एकजुट होकर राजनीतिक संतुलन का विचार किए बिना इसका मुकाबला करना होगा. यही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई देश आतंकवाद का इस्तेमाल, समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करने पाए. पीएम ने कहा कि विश्व को यह तय करना होगा कि इंटरनेट आतंकियों की भर्ती का जरिया नहीं बने.
भारत-चीन संबंधों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम एक साथ व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं. हम दोनों एक दूसरे की प्रगति, स्थिरता और समृद्धि के क्षेत्र में मजबूती से सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एशिया अब भी एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध भविष्य के लिए अपने कई बदलाव के जरिए एक रास्ता खोज रहा है. एक ऐसी यात्रा जो जरूर सफल होगी. इसे एहसास करने के लिए भारत और सिंगापुर को साथ में काम करना चाहिए.
इस कार्यक्रम के बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया.