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गुजरात में चीनी को मोरस क्यों कहते हैं? मॉरीशस में पीएम मोदी ने सुनाया किस्सा

मॉरीशस के पोर्ट लुइस शहर में पीएम मोदी ने भारतीय लोगों को संबोधित किया है. पीएम ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने के लिए आभार व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस में आकर उन्हें अपनों के बीच आने का एहसास लगता है. भारत-मॉरीशस के रिश्ते अटूट हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी (पीटीआई)
पीएम नरेंद्र मोदी (पीटीआई)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं. पोर्ट लुइस एयरपोर्ट पर मॉरीशस के पीएम नवीनचन्द्र रामगुलाम ने उनका भव्य स्वागत किया. पीएम मोदी 12 मार्च (बुधवार) को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. मंगलवार शाम को पीएम मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया है. 

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'इस बार मॉरीशस में भी होली का रंग एक दिन बाद ही बिखरेगा. 14 तारीख को चारों ओर रंगों की बौछार होगी. राम के हाथों में ढोलक होगी, लक्ष्मण के हाथों में मंजीरा, भरत के हाथों में कनक पिचकारी, और शत्रुघ्न के हाथों में अबीर और जोगीरा होगा. अब जब होली की बात आई है, तो गुजिया की मिठास को कैसे भूला जा सकता है? एक समय था जब भारत के पश्चिमी हिस्से में मिठाइयों के लिए मॉरीशस से भी चीनी आती थी. शायद यही वजह रही कि गुजराती भाषा में 'चीनी' को 'मोरस' भी कहा गया. समय के साथ भारत और मॉरीशस के रिश्तों की यह मिठास और भी बढ़ती जा रही है.इसी मिठास के साथ, मैं मॉरीशस के सभी निवासियों को राष्ट्रीय दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं.'

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अपनों के बीच का एहसास

पीएम मोदी ने कहा, 'साथियों, जब भी मैं मॉरीशस आता हूं, तो ऐसा लगता है जैसे अपनों के बीच ही आ गया हूं. यहां की हवा, मिट्टी और पानी में अपनेपन का एहसास समाया हुआ है. गीत-गवाही में, ढोलक की थाप में, दालपुरी, कुच्चा और गातोपीमा में भी भारत की खुशबू बसी हुई है. और यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि यहां की मिट्टी में हमारे पूर्वजों का खून-पसीना मिला हुआ है. हम सब एक ही परिवार का हिस्सा हैं.'

 

मॉरीशस के पोर्ट लुइस एयरपोर्ट पर पीएम नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत (पीटीआई)

सम्मान और भारतीयता का गौरव 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, 'प्रधानमंत्री रामगुलाम ने जो बातें कही हैं, वे सीधे दिल से निकली हैं. उनके इन भावों के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.  मॉरीशस की जनता और सरकार ने मुझे यहां का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का निर्णय लिया है. मैं इस निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं. यह सम्मान ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है और उन भारतीयों का भी सम्मान है, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस धरती की सेवा की और मॉरीशस को ऊंचाइयों तक पहुंचाया. मैं मॉरीशस की जनता और सरकार का इस सम्मान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं.'

 

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पीएम नरेंद्र मोदी को मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान (पीटीआई)

भारत-मॉरीशस के अटूट रिश्ते

भारतीय समुदाय को आगे संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'साथियों, पिछले वर्ष राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति मुख्य अतिथि थीं. यह भारत और मॉरीशस के रिश्तों की गहराई को दर्शाता है.12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस के रूप में चुनना हमारे साझा इतिहास का प्रतिबिंब है. यही वह दिन है जब महात्मा गांधी ने गुलामी के विरुद्ध दांडी सत्याग्रह की शुरुआत की थी. यह दिन हमारे दोनों देशों के स्वतंत्रता संग्राम को स्मरण करने का दिन है. मणिलाल डॉक्टर जैसे महान व्यक्तित्वों को कोई नहीं भूल सकता, जिन्होंने मॉरीशस आकर यहां के लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शिवसागर जी की प्रतिमा हमें इसी परंपरा की याद दिलाती है.'

रामायण की आध्यात्मिक विरासत 

पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं आप सबसे मिलता हूं, आपसे बात करता हूं, तो दो सौ साल पुरानी उन स्मृतियों में खो जाता हूं, जिनके बारे में हमने केवल पुस्तकों में पढ़ा है. वे असंख्य भारतीय, जिन्हें झूठ बोलकर यहां लाया गया, जिन्हें दर्द, पीड़ा और धोखा मिला, उनके लिए भगवान राम संबल बने. रामचरितमानस में उन्हें अपनी पीड़ा का प्रतिबिंब दिखता था. भगवान राम का संघर्ष, उनकी विजय, उनकी तपस्या – इन सबसे वे प्रेरणा पाते थे. यही विश्वास उनकी ताकत बना.'

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"राम बनी है तो बन जाइए, बिगड़ी बनत बन जा ही।  
चौदह बरस रहे बनवासी, लौटे पुनि अयोध्या माही।"  


यह भी पढ़ें: PM मोदी को मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान... पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय


रामायण सम्मेलन से अयोध्या तक 

पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे याद है, 1988 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे मॉरीशस आने का अवसर मिला था. तब मैं किसी सरकारी पद पर नहीं था, एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में यहां आया था. संयोगवश, उस समय भी प्रधानमंत्री रामगुलाम ही थे. फिर जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो रामगुलाम मेरे शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आए. प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था और भावना मैंने वर्षों पहले यहां देखी थी, वही आज भी अनुभव कर रहा हूं. पिछले साल जनवरी में जब अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई, तब मॉरीशस में भी वैसा ही उल्लास देखने को मिला. पांच सौ वर्षों का इंतजार समाप्त हुआ और रामलला अपने मंदिर में विराजमान हुए.'

संगम का जल मॉरीशस पहुंचा
  
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं जानता हूं कि मॉरीशस के कई परिवार हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में शामिल होकर आए हैं. यह एक ऐसा आयोजन था, जिसने पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया. मानव इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा समागम था. इस भव्य आयोजन में 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए, जिनमें मॉरीशस के लोग भी शामिल थे. लेकिन मुझे यह भी पता है कि मॉरीशस के कई परिवार, चाहकर भी, इस एकता के महाकुंभ में शामिल नहीं हो सके. मैं आपकी भावनाओं को समझता हूं. इसलिए, मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल संग्रह करके लाया हूं. इस पवित्र जल को कल गंगा तालाब में अर्पित किया जाएगा.  देखिए, यह कितना सुखद संयोग है! आज से पचास साल पहले, गोमुख से लाया गया गंगाजल भी यहीं गंगा तालाब में अर्पित किया गया था और अब, इतिहास अपने आपको दोहराने जा रहा है. मेरी प्रार्थना है कि गंगा मैया के आशीर्वाद और महाकुंभ के इस पवित्र प्रसाद से मॉरीशस नई ऊंचाइयों को छुए, समृद्ध और सफल बने.' 

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मॉरीशस दुनिया के लिए एक मिसाल
 
संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 'मॉरीशस को भले ही 1968 में आजादी मिली, लेकिन जिस तरह यह देश सबको साथ लेकर आगे बढ़ा, वह दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है. यहां विभिन्न हिस्सों से लोग आकर बसे हैं, जिससे यह संस्कृतियों का एक खूबसूरत बगीचा बन गया है. हमारे पूर्वज, चाहे वे बिहार, उत्तर प्रदेश या भारत के अन्य हिस्सों से आए हों, वे अपनी भाषा, खान-पान और परंपराओं के साथ मॉरीशस में एक मिनी हिंदुस्तान बसाने में सफल रहे.'

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हिंदी सिनेमा और मॉरीशस का नाता

पीएम मोदी ने बताया कि हिंदी सिनेमा और मॉरीशस का पुराना नाता रहा है. पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और मॉरीशस के इस गहरे संबंध को बॉलीवुड ने भी बार-बार दिखाया है. आप हिंदी फिल्मों के सुपरहिट गानों में इंडिया हाउस, आईलॉक्स सेल्फ-सर्फ, ग्रीस-ग्रीस बीच, कॉर्डन वॉटरफॉल, रोचेस्टर फॉल्स जैसे स्थानों को देख सकते हैं. शायद ही मॉरीशस का कोई कोना हो, जो भारतीय फिल्मों में न दिखा हो.  यानी, फिल्म भारतीय हो और शूटिंग मॉरीशस में हुई हो, तो फिल्म के सुपरहिट होने की गारंटी बढ़ जाती है.'  

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बिहार और पूर्वांचल से मॉरीशस का गहरा नाता
 
पीएम मोदी ने बताया कि बिहार और पूर्वांचल से मॉरीशस का गहरा नाता रहा है. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं जानता हूं कि भोजपुरी क्षेत्र और बिहार से आपका भावनात्मक संबंध कितना गहरा है. बिहार कभी दुनिया की समृद्धि का केंद्र था और आज भी उसकी गौरवशाली विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जा रहा है.  जब दुनिया के कई हिस्से शिक्षा से कोसों दूर थे, तब बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का वैश्विक केंद्र था. हमारी सरकार नालंदा यूनिवर्सिटी और उसकी महान परंपरा को पुनर्जीवित कर रही है. भगवान बुद्ध के संदेश आज भी विश्व शांति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं, और हम भारत में इस विरासत को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं.'  

मॉरीशस और भारत का अटूट रिश्ता

पीएम मोदी ने मॉरीशस और भारत के रिश्ते का बखान किया. पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और मॉरीशस केवल इतिहास से नहीं, भविष्य की संभावनाओं से भी जुड़े हुए हैं. मॉरीशस की मेट्रो परियोजना, इलेक्ट्रिक बसें, सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट, यूपीआई और रूपे कार्ड जैसी आधुनिक सुविधाएं, और नई संसद भवन — इन सबमें भारत ने मित्रता और सहयोग की भावना से मॉरीशस की मदद की है.  आज, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है. भारत की इस विकास यात्रा में हम चाहते हैं कि मॉरीशस भी पूरा लाभ उठाए. इसीलिए, जब भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली, तो हमने मॉरीशस को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. यही नहीं, अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाने का निर्णय भी भारत की अध्यक्षता में ही लिया गया, जिससे वर्षों पुरानी यह मांग पूरी हो सकी.'

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जलवायु परिवर्तन पर भारत और मॉरीशस की साझेदारी

पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन के संकट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'मॉरीशस और भारत केवल आर्थिक विकास में ही साझेदार नहीं हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी मिलकर काम कर रहे हैं.  मैंने दस साल पहले जब मॉरीशस का दौरा किया था, तब पूरी दुनिया से आग्रह किया था कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मॉरीशस की आवाज को सुना जाए. मुझे खुशी है कि आज मॉरीशस और भारत ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस. जैसे कई वैश्विक प्रयासों में मिलकर योगदान दे रहे हैं. आज मॉरीशस में "एक पेड़ मां के नाम" नामक अभियान चलाया जा रहा है. आज मैंने और प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने भी इस अभियान के तहत एक वृक्षारोपण किया. यह अभियान मां और धरती मां — दोनों से जुड़े रहने का एक प्रतीक है. मैं मॉरीशस के सभी लोगों से आग्रह करता हूँ कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें.'

मॉरीशस में वृक्षारोपण करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (पीटीआई)


भारत मॉरीशस के हर कदम पर साथी  

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत को मॉरीशस के हर कदम का साथी बताया. पीएम मोदी ने कहा, '21वीं सदी में मॉरीशस के लिए अपार संभावनाएं हैं और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारत हर कदम पर आपके साथ खड़ा रहेगा.'  

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