लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में भारत की बात सबके साथ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आलोचना लोकतंत्र की सबसे सुंदर चीज है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की भी आलोचना होनी चाहिए.
कार्यक्रम संचालक प्रसून जोशी के एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि अगर इसमें विरोध या आलोचना न हो तो वह लोकतंत्र नहीं हो सकता. मैं मानता हूं कि लोकतंत्र की उत्तम खूबसूरती आलोचना ही है. मोदी सरकार की भरपूर आलोचना होनी चाहिए, हर प्रकार से आलोचना होनी चाहिए. इसी से लोकतंत्र पनपता है. सरकारों और प्रशासन में बैठे लोगों को भी इसे सौभाग्य मानना चाहिए.
मोदी ने कहा कि आलोचना मेरी चिंता नहीं है. आलोचना के लिए शोध और मेहनत करनी पड़ती है. बारीकी में जाना पड़ता है, आंकड़े और इतिहास निकालना पड़ता है. आज किसी के पास इतना समय ही नहीं है. आज सबको ब्रेकिंग न्यूज देने की जल्दी है. इसलिए आलोचना ने मर्यादाओं को तोड़कर आरोपों का रूप ले लिया है. लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत आलोचना है और सबसे विनाशकारी चीज आरोप है. इसलिए आलोचना को पुरस्कृत करना चाहिए और आरोपों से बचने की कोशिश करनी चाहिए. सरकार में कोई मुझे अच्छी खबर देता है तो मैं कहता हूं कि ये तो ठीक है, इसमें कमी बताओ. अगर मैं गलतियां सुनना बंद कर दूंगा तो अपनी गलतियां कैसे सुधारूंगा. आपकी आलोचना मेरे लिए गोल्ड माइन है, खजाना है. आज मैं जहां पहुंचा हूं मुझे बहुत लोगों ने बनाया है. मुझे बहुत लोगों ने ठोकपीट कर ठीक किया है. मोदी ऐसा मत कहो, ऐसा मत करो.
एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि रेलवे स्टेशन मेरी जिंदगी और मेरे संघर्ष का स्वर्णिम पृष्ठ है. रेल की पटरियों और आवाज से बहुत कुछ सीखा है. और यह लोकतंत्र का ही कमाल है कि आज रॉयल हॉल में एक चाय बेचने वाला भी आप लोगों के बीच पहुंच सकता है. लोकतंत्र में जनता ईश्वर का रूप है.बेसब्री मेरे लिए ऊर्जा है और जब आप ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के संकल्प को लेकर चलते हैं तो निराशा की बात ही नहीं उठती: PM @narendramodi pic.twitter.com/3U9uS2Fmyy
— PMO India (@PMOIndia) April 18, 2018
उन्होंने कहा कि संतोष के भाव से विकास नहीं होता है. गति नहीं है तो जिंदगी रुक जाती है. बेसब्री तरुणाई की पहचान है और यह आपमें नहीं है तो आप बुजुर्ग हो चुके हैं. बेसब्री ही विकास का बीज बोता है. बेसब्री को मैं बुरा नहीं मानता.