प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में अपनी सेहत का राज उजागर किया. पीएम मोदी ने अपनी ऊर्जा का राज बताने के साथ-साथ ये भी बताया कि इतने व्यस्त होने के बाद भी क्यों उन्हें थकान महसूस नहीं होती. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष और जाने-माने कवि-लेखक प्रसून जोशी ने इस कार्यक्रम का संचालन किया. उन्होंने पीएम मोदी से कई सवाल किए.
लगातार काम करने के बावजूद थकान महसूस न होने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि मेरा शरीर तो थकता है, लेकिन उसी समय अपनों की खबर आती है- कभी त्रिपुरा से कभी दिल्ली से तो फिर मन कहता है कि चलो उठो यार. सबसे बड़ी चीज है मन की अवस्था. शरीर को जितना फिट रख सकते हैं उतना रखना चाहिए. विरासत में बहुत कुछ मिल सकता है, लेकिन अपने आप को फिट रखना विरासत में नहीं मिल सकता. इसके लिए आपको खुद मेहनत करनी होगी. विरासत में आपको लंबाई मिल सकती है, चमड़ी का रंग मिल सकता है, पर सेहत नहीं. हमें जीवन ऐसा जीना चाहिए कि किसी पर बोझ न बनें.
'Bharat Ki Baat Sabke Saath' was a lively programme, where we exchanged thoughts on the land we all admire- India, it's vibrancy and it's role in this century. You can watch the complete programme here. #BharatBaat https://t.co/KjpIzUGkHg pic.twitter.com/RYuqf3KmXN
— Narendra Modi (@narendramodi) April 18, 2018
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में पिछली सरकारों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि धीमे बदलाव के दिन गुजर चुके हैं और केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के शासनकाल में भारतीय ज्यादा आकांक्षा वाले हो गए हैं. इस सरकार से लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह सरकार उनकी अपेक्षाएं पूरी कर सकती है. लोग जानते हैं कि वे जब कुछ कहेंगे तो सरकार सुनेगी और करेगी. धीमे बदलाव के दिन गुजर चुके हैं.
विपक्षी पार्टियों की ओर से अपनी सरकार की आलोचना किए जाने पर मोदी ने कहा कि उन्हें आलोचना से समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि आलोचना करने के लिए शोध करना चाहिए और उचित तथ्यों का पता लगाना चाहिए, लेकिन दुखद है कि अब ऐसा नहीं हो रहा. अब सिर्फ आरोप लगाए जाते हैं. मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस सरकार की आलोचना की जाए. आलोचना से लोकतंत्र मजबूत होता है. रचनात्मक आलोचना के बगैर लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता.