ट्रंप ने नरेंद्र मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' बताया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. यह वार्ता ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित करके पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दे दिया है.
ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेनिया ने किया पीएम मोदी का स्वागत
पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेनिया व्हाइट हाउस के साउथ पोटर्किो तक आए. ट्रंप और उनकी पत्नी ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. व्हाइट हाउस में भीतर जाने से पहले वे एकदूसरे से संक्षिप्त बातचीत करते हुए और हालचाल पूछते हुए दिखे. जब दोनों नेता बातचीत के लिए बैठे तो ट्रंप ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बात है. उन्होंने पीएम मोदी को सच्चा मित्र कहा था.' साथ ही उन्होंने कहा, "वह 'महान प्रधानमंत्री' हैं. मैं उनके साथ बात करता रहा हूं और उनके बारे में पढ़ता रहा हूं. वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. ट्रंप ने कहा, आथर्कि रूप से और कई अन्य मायनों में भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. मैं इसके लिए उन्हें बधाई देना चाहूंगा."
पीएम मोदी ने जताया आभार
पीएम मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए ट्रंप और उनकी पत्नी के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा, मेरा स्वागत भारत के 125 करोड़ नागरिकों का स्वागत है. मैं इसके लिए राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के प्रति दिल से आभार जताता हूं. साथ ही उन्होंने कहा, 'ट्रंप भारत की प्रगति और आथर्कि तरक्की पर ध्यान देते रहे हैं.'बता दें कि मुलाकात के बाद मोदी के लिए एक कामकाजी रात्रिभोज का आयोजन भी किया गया है. मौजूदा अमेरिकी प्रशासन में किसी विदेशी नेता के लिए पहला इस तरह का आयोजन है. इस मुलाकात में जिन मुद्दों पर चर्चा होनी है, उनमें आतंकवाद से मुकाबले पर
सहयोग, रक्षा साझेदारी, वैश्विक सहयोग, व्यापार और उर्जा शामिल हैं.
पाकिस्तान को कड़ा संदेश
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से कुछ घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया जिससे भारत प्रभावित हो रहा है.
बता दें कि बैठक से पहले मोदी ने कहा था कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध तर्क पर आधारित हैं. आतंकवाद, कट्टरपंथी विचारधारा और गैर पारंपरिक खतरों से दुनिया की रक्षा करने में दोनों देशों का प्रभावी हित है.