जापान दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टोक्यो में एक व्यापार सभा को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि मेड इन इंडिया, मेड इन जापान मिलकर कमाल कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक निर्माण और बढ़ते बाजार की वजह से एशिया वैश्विक विकास में नए केंद्र के तौर पर उभरा है. ऐसे में एशिया के उद्भव में भारत और जापान को मिलकर अपनी भूमिका अदा करनी होगी.
टोक्यो में पीएम ने इस बात का जिक्र किया कि साल 2015 में भारत की अर्थव्यवस्था बाकी देशों की तुलना में तेज गति से बढ़ी है. भारत और जापान की मजबूती एशिया और पूरे विश्व के स्थाई विकास के लिए जरूरी है.
पीएम ने कहा कि कम मजदूरी, बड़ा घरेलू बाजार और वृहद आर्थिक स्थिरता के साथ भारत निवेश के लिए बेहतर देश है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब वे भारत को दुनिया में पूरी तरह से खुली अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं.
मोदी ने बताया कि विदेशी निवेश के क्षेत्र में जापान चौथे पायदान पर है. भारत को स्केल, स्पीड और स्किल के लिए जापान के सहयोग की जरूरत है. पीएम ने कहा भारत ने व्यापार को आसान बनाने के लिए अहम कदम उठाए हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को टोक्यो में जापान के सम्राट अकिहितो से मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से भी मुलाकात करेंगे. मोदी और आबे की चर्चा के बाद दोनों देश 12 समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. दोनों देशों में अहम असैन्य परमाणु करार होने की भी संभावना है.
मोदी-आबे में होगी लंबी मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और उनके जापानी समकक्ष आबे के बीच शुक्रवार को लंबी चर्चा होगी. दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को गति दी जाएगी. शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता सुरक्षा, कारोबार, निवेश, कौशल विकास और आधारभूत संरचना जैसे व्यापक क्षेत्रों में संबंधों को गति प्रदान करने के रास्तों पर चर्चा करेंगे.
पीएम को जापान यात्रा से बड़ी उम्मीदें
प्रधानमंत्री मोदी का यहां और कोबे में जापानी कारोबारियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है. अपनी यात्रा शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे 11 नवंबर को टोक्यो में आबे से मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा करने को आशान्वित हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं भारत और जापान के शीर्ष कारोबारी नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा करूंगा और हम कारोबार तथा निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने के रास्तों पर विचार करेंगे.’
A warm welcome by the Indian community on this cold November night. PM @narendramodi is greeted by diaspora members in Tokyo pic.twitter.com/Bzeq0uu0ww
— Vikas Swarup (@MEAIndia) November 10, 2016
दोनों देशों में होंगे ये अहम समझौते
सूत्रों ने बताया कि शिखर स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच 12 समझौतो पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इनमें कौशल विकास, सांस्कृतिक आदान प्रदान और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्र शामिल हैं. सूत्रों ने आज बताया कि असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद के बीच दोनों पक्ष इस विषय पर वार्ता को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं.
पिछले महीने दिसंबर में आबे की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच इस बारे में व्यापक सहमति बनी थी, लेकिन अंतिम समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किया जा सका था क्योंकि कुछ तकनीकी एवं कानूनी मुद्दे सामने आ गए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों देशों ने करार के मसौदे के जुड़े कानूनी एवं तकनीकी पहलुओं समेत आंतरिक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया है.