प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह रूस के लिए रवाना होने के बाद सोचि पहुंच गए हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर पीएम मोदी यहां एक अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेंगे. ऐसा पहली बार होगा जब दोनों देशों के नेता बिना किसी एजेंडे के मुलाकात करेंगे, हालांकि इस बैठक में कई बड़े मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है.
रूस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इस दौरे के बारे में जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी वार्ता से दोनों देशों के बीच संबंधों में और मजबूती आएगी.
रूस के दौरे पर जाने से पहले मोदी ने कहा, "रूस के मित्रतापूर्ण लोगों का अभिनंदन, मैं कल (सोमवार) सोची के दौरे पर जाने और राष्ट्रपति पुतिन से अपनी मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं. उनसे मिलना हमेशा सुखद होता है."
Am confident the talks with President Putin will further strengthen the Special and Privileged Strategic Partnership between India and Russia. @KremlinRussia_E @PutinRF_Eng
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2018
मोदी ने कहा, "मेरा विश्वास है कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता से भारत और रूस के बीच विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी में मजबूती आएगी."
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले इसी महीने रूस गए थे. उन्होंने वहां रूसी कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध से बाहर निकलने के रास्ते पर विचार-विमर्श किया था.
कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
हथियारों का व्यापार करने वाली रूस की सरकारी कंपनी रोसेबोरोनेक्सपोर्ट समेत रूसी कुलीन तबके के कुछ लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंध से मास्को से सैन्य साजो-सामान की खरीद पर संभावित प्रभाव को लेकर भारत की चिंता बढ़ गई है.
विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मोदी का रूस दौरा एक अहम मौका होगा क्योंकि वह पुतिन से अंतरराष्ट्रीय मसलों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. साथ ही, विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी को मजबूती प्रदान करने के दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य में बातचीत करेंगे.
मंत्रालय ने कहा कि भारत और रूस के बीच उच्चस्तर पर नियमित मंत्रणा की परंपरा के अनुरूप यह शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. गौरतलब है कि पुतिन भी इस साल वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले हैं.
आपको बता दें कि रूस और जापान दो ही ऐसे देश हैं जिनके साथ भारत वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित करता है. पुतिन के इस साल मार्च में चौथी बार पद संभालने के बाद मोदी रूस की यात्रा पर जा रहे हैं, पुतिन करीब दो दशक से सत्ता में हैं.