SCO सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. अफगानिस्तान पर चर्चा की, तालिबान पर निशाना साधा और इशारों में ही चीन और पाकिस्तान को भी एक्सपोज कर दिया. पीएम की तरफ से तंज के ऐसे बाण छोड़े गए कि पाक और चीन देखता रह गया और बड़े कार्यक्रम में भारत अपना स्टैंड और ज्यादा मजबूत कर गया.
पीएम मोदी ने किया चीन-पाक को एक्सपोज
पीएम मोदी ने तालिबान सरकार के कट्टर सहयोगी बन चुके चीन और पाकिस्तान का नाम लिये बगैर तीखे हमलों से उसे घायल कर दिया. पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग की मौजूदगी में कट्टरपंथ के खिलाफ SCO के मंच से तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति सुरक्षा और भरोसे की कमी से संबंधित है और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ रेडिक्लइजेशन है. अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम में इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है. इस मुद्दे पर SCO को पहल लेकर कार्य करना चाहिए.
अब यहां तो मोदी ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के रोल पर रोशनी डालने का प्रयास किया, लेकिन दूसरे ही बयान में उन्होंने बिना नाम लिए चीन को भी एक्सपोज कर दिया. LAC पर जारी तनाव पर पीएम ने कहा कि जोड़ने वाले प्रोजेक्ट पारदर्शी तरीके से बनाए जाने चाहिए. सभी देश की क्षेत्रीय अखंडता का ध्यान रखना जरूरी है. इतना बोल ही पीएम मोदी ने चीन को करारा जवाब दे दिया.
दुनिया को दिखाया आईना
चीन-पाकिस्तान के अलावा पीएम मोदी ने SCO के तमाम देशों को इस संगठन का महत्व भी समझाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि हम इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र मॉडरेट और प्रगतिशील संस्कृति और मूल्यों का गढ़ रहा है. सूफीवाद जैसी परम्पराएं यहां सदियों से पनपीं और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं. इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं. मध्य एशिया की इस ऐतिहासिक धरोहर के आधार पर SCO को कट्टरपंथ और चरमपंथ से लड़ने का साझा टेम्पलेट डेवलप करना चाहिए.