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'हम भी भारत में अनेक सिंगापुर बनाना चाहते हैं', सिंगापुर में बोले PM मोदी, सेमीकंडक्टर प्लांट का भी किया विजिट

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मेरे दोस्त प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ आज भी चर्चा जारी रही. हमारी बातचीत कौशल, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, एआई और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित रही. हम दोनों ने व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने की जरूरत पर सहमति व्यक्त की है."

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सिंगापुर PM के साथ नरेंद्र मोदी
सिंगापुर PM के साथ नरेंद्र मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग (Lawrence Wong) की मुलाकात के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए चार समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया. दोनों नेताओं ने गुरुवार को सिंगापुर शहर में मुलाकात की और अपने द्विपक्षीय संबंधों को "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति जताई. ये समझौता ज्ञापन डिजिटल प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र तथा शैक्षिक सहयोग और कौशल विकास पर केंद्रित हैं.

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पीएम मोदी ने कहा, "हम भी भारत में अनेक सिंगापुर बनाना चाहते हैं और हमें खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर कोशिश कर रहे हैं. हमारे बीच जो मंत्रियों की राउंड टेबल की बनी है, वो एक पाथ ब्रेकिंग मैकेनिज्म है. डिजिटलाइजेशन, मोबिलिटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में इनिशिएटिव की पहचान बन गई है."

पीएम मोदी ने किया सेमीकंडक्टर प्लांट का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम लॉरेंस वोंग के साथ सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की अग्रणी सिंगापुरी कंपनी एईएम का दौरा किया. उन्हें वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य सीरीज में एईएम की भूमिका, इसके संचालन और भारत के लिए योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई. सिंगापुर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन ने सिंगापुर में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और भारत के साथ सहयोग के अवसरों पर जानकारी दी.

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pm modi in singapore

इस क्षेत्र की कई अन्य सिंगापुरी कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने सिंगापुरी सेमीकंडक्टर कंपनियों को 11-13 सितंबर 2024 को ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाली सेमीकॉन इंडिया प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया.

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किन मुद्दों पर बनी सहमति?

भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम विकसित करने के प्रयासों और इस क्षेत्र में सिंगापुर की ताकत को देखते हुए, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने का फैसला लिया है. भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज की दूसरी मीटिंग के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर पर ध्यान केंद्रित करते हुए एडवांस मैन्युफैक्चरिंग को एक पिलर के रूप में जोड़ने पर सहमति व्यक्त की. दोनों पक्षों ने भारत-सिंगापुर सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम साझेदारी पर समझौता ज्ञापन भी पूरा किया है.

पीएम नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मेरे दोस्त प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ आज भी चर्चा जारी रही. हमारी बातचीत कौशल, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, एआई और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित रही. हम दोनों ने व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने की जरूरत पर सहमति व्यक्त की है."

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मीटिंग के दौरान नेताओं ने भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की.

विदेश मंत्रालय ने इसे "प्रयासों में एक नया अध्याय" बताते हुए कहा, "द्विपक्षीय संबंधों की व्यापकता और गहराई तथा अपार संभावनाओं को देखते हुए, उन्होंने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला लिया. इससे भारत की एक्ट ईस्ट नीति को भी बढ़ावा मिलेगा."

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इसी साल मई में सिंगापुर के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले वोंग को बधाई देते हुए अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद यह हमारी पहली बैठक है. मेरी ओर से आपको बहुत-बहुत बधाई. मुझे विश्वास है कि 4जी (चौथी पीढ़ी के नेताओं) के नेतृत्व में सिंगापुर और भी तेजी से तरक्की करेगा."

'सिंगापुर भारत का प्रमुख आर्थिक साझेदार...'

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 160 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश के साथ सिंगापुर भारत का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "उन्होंने रक्षा और सुरक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता, शिक्षा, एआई, फिनटेक, नई प्रौद्योगिकी डोमेन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और ज्ञान साझेदारी के क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग की भी समीक्षा की. दोनों नेताओं ने आर्थिक और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए देशों के बीच संपर्क को मजबूत करने का आह्वान किया."

पीएम मोदी, राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम और सीनियर मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे. वे सिंगापुर के व्यापारिक नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे और सिंगापुर में सेमीकंडक्टर क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ चर्चा करेंगे.

PM मोदी की सिंगापुर यात्रा का एजेंडा

पीएम मोदी छह साल बाद सिंगापुर पहुंचे हैं. मोदी का सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है. सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. इस दौरान पीएम मोदी बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे. इस दौरान साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है.

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व्यापार और निवेश के लिहाज से प्रधानमंत्री का सिंगापुर का दौरा अहम है. आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है. सिंगापुर दुनिया में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा स्रोत सिंगापुर है. सिंगापुर की वैश्विक सेमीकंडक्टर ईको सिस्टम में अहम भूमिका है. इस क्षेत्र में सिंगापुर का 20 से अधिक सालों का अनुभव है. 

भारत के लिए क्यों अहम है सिंगापुर?

मौजूदा समय में भारत का पूरा जोर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है. भारत ने इस पॉलिसी की शुरुआत नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर समिट के दौरान शुरू की थी. इस पॉलिसी का उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ रही समुद्री क्षमता का मुकाबला करना और साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है.

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चीन लगातार साउथ चाइना सी में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है. इस वजह से कई देशों से लगातार चीन का विवाद बना हुआ है. साउथ चाइना सी के कुछ हिस्से पर चीन अपना दावा करता है, जिसे लेकर क्षेत्रीय स्तर पर शांति प्रभावित होती रही है. ऐसे में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पीएम मोदी के ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. 

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