scorecardresearch
 

बांग्लादेश की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा खत्म कर भारत लौटे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात को अपना दो दिन का बांग्लादेश दौरा पूरा कर स्वदेश लौट चुके हैं.

Advertisement
X
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात को अपना दो दिन का बांग्लादेश दौरा पूरा कर स्वदेश लौट चुके हैं. इससे पहले बांग्लादेश के बंगबंधु इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज मेरी यात्रा का अंतिम दिन है लेकिन ऐसा लग रहा है कि यात्रा शुरू हो रही है.' मोदी ने आगे कहा कि इस यात्रा के बाद न सिर्फ एशिया बल्कि पूरा विश्व तराजू लेकर ये सोचेगा कि क्या पाया क्या खोया. दुनिया को अब स्वीकार करना होगा कि हम पास पास भी हैं और साथ साथ भी हैं.'

Advertisement
मोदी ने कहा, 'बांग्लादेश के साथ मेरा भावनात्मक रिश्ता है. युवा काल से ही बांग्लादेश से मेरा जुड़ाव है. अटल जी को बंगबंधु की बेटी की मौजूदगी में सम्मान मिलना मेरे लिए गर्व की बात है. चीन में बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग की तारीफ होने पर मुझे बहुत खुशी हुई. मुश्किलों के बावजूद विकास के लिए काम करना बड़ी बात है. हमें बांग्लादेश से सीखना होगा. बांग्लादेश के जीतने पर हमें भी खुशी होती है, क्योंकि हमें याद आता है कि इस बांग्लादेश के लिए हमारे भी सैनिकों ने अपना खून, अपनी जान दी थी.'

मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की तारीफ करते हुए कहा,  'लगातार 6 फीसदी की दर से विकास करना बड़ी बात है. भारत और बांग्लादेश दोनों के पास 65 फीसदी जनता 35 साल से कम है. अगर कोई सोचता है कि जमीन इधर गई या उधर गई तो उन्हें ये समझना चाहिए कि ये दिल को जोड़ने वाला समझौता है. दुनिया भले ही जमीन के लिए मरती हो, लड़ती हो. लेकिन बांग्लादेश और भारत ऐसे देश हैं, जहां बुद्ध हैं, वहां युद्ध नहीं हो सकता. अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए काम करते रहें तो दुनिया इस बात को मानने से परहेज नहीं करेगी कि यही वो लोग हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए काम करते हैं.'

मोदी ने बांग्लादेशी क्रिकेट टीम की तारीफ की. क्रिकेटर शकीब अल हसन का जिक्र किया. इसके साथ ही नारी सशक्तिकरण को लेकर भी पीएम मोदी ने बांग्लादेश की तारीफ की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया से मुलाकात की. मोदी ने पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में बीएनपी प्रमुख से मुलाकात की. मोदी इसी होटल में ठहरे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में खालिदा ने छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. मोदी ने बांग्लादेश में विपक्ष की नेता रौशन इरशाद के साथ बैठक खत्म होने के बाद जिया के साथ मुलाकात की.

Advertisement

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बांग्लादेश दौरे के दूसरे और आखिरी दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिया जाने वाला 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवार्ड' ग्रहण किया. यह अवार्ड पूर्व पीएम वाजपेयी के बांग्लादेश के प्रति योगदान के सम्मान के तौर पर दिया गया है.

अवार्ड लेते समय पीएम मोदी ने ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने आम जनता के लिए काम किया और उनकी सेवा की. वह सामान्य भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. यह सम्मान मिलना भारत के लिए गौरव की बात है.'

'वाजपेयी होते तो चार चांद लग जाते...'
उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैंने वाजपेयी जी के नेतृत्व में काम किया. बांग्लादेश को बनाने में भारतीयों का बड़ा योगदान रहा है. बांग्लादेश के राष्ट्रपति खुद यह अवार्ड सौंप रहे हैं यह गर्व और सम्मान की बात है. वाजपेयी जी ने विपक्ष में रहते हुए देश की राजनीति को नई दिशा दी है. अगर वह स्वस्थ होते तो जरूर यहां मौजूद होते और इस कार्यक्रम में चार चांद लग जाते.'

बता दें कि पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान 6 दिसंबर 1971 को दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण के अंश भी पढ़े. उन्होंने कहा, 'मुक्ति संग्राम की स्मृति में यह सम्मान दिया जाना भारतवासियों के लिए गौरव की बात है. मैं दुआ करता हूं कि बांग्लादेश के साथ भारत का अटूट रिश्ता बना रहे.'

Advertisement

PM मोदी ने किए मंदिर और मठ के दर्शन
अवार्ड लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश दौरे के दूसरे दिन रविवार सुबह ढाकेश्वरी देवी मंदिर पहुंचे. मंदिर में पूजा करके वह रामकृष्ण मिशन आश्रम भी गए. इसके बाद पीएम मोदी ने भारतीय दूतावास के नए ऑफिस का उद्घाटन भी किया.

पीएम मोदी ने मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. प्रसाद के तौर पर उन्हें चरणामृत दिया गया. पूजा के बाद मंदिर प्रशासन में मोदी को सम्मानित भी किया गया. इसके बाद मोदी ने परिसर पर बने दूसरे मंदिरों के भी दर्शन किए. मशहूर ढाकेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास करीब 800 साल पुराना है. मंदिर में मोदी के पहुंचने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए.

क्यों खास है ढाकेश्वरी देवी मंदिर?
बांग्लादेश में 12वीं सदी का यह चर्चित मंदिर हिंदू समुदाय के लोगों के लिए सबसे ज्यादा पूजनीय स्थल है. प्रधानमंत्री मंदिर में करीब 15 मिनट तक रहे। इस मंदिर को ढाका के सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यह क्षेत्र के प्रमुख ‘शक्तिपीठों’ में से एक है.

‘ढाकेश्वरी’ का अर्थ ‘ढाका की देवी’ है और विशेषज्ञों ने बताया कि बांग्लादेश की राजधानी का नाम ढाकेश्वरी के नाम पर ही पड़ा. 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के रमना काली मंदिर को नष्ट किए जाने के बाद ढाकेश्वरी मंदिर को बांग्लादेश में सबसे महत्वपूर्ण हिंदू स्थल का दर्जा मिला है. मंदिर प्रशासन के सदस्यों ने महसूस किया कि ढाकेश्वरी मंदिर में मोदी की यात्रा ने हिंदू समुदाय के लोगों में भाईचारा का संदेश दिया है.

Advertisement

मंदिर के पुजारियों और अधिकारियों ने मोदी का अभिनंदन किया। उन्हें देवी ढाकेश्वरी की प्रतिकृति दी गई और अन्य स्मृति चिह्नों के अलावा एक शॉल भी भेंट किया गया. लोगों ने बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हर साल एक बार मंदिर जाती हैं. पिछले साल जून में ढाका आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मंदिर में दर्शन किया था.

ढाकेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं सदी में सेन वंश के राजा बल्लाल सेन ने करवाया था. मोदी की यात्रा को देखते हुए इसे करीब एक घंटा के लिए आम लागों के लिए बंद रखा गया था. 1996 में हिंदू समूहों के एक प्रमुख अभियान के बाद ढाकेश्वरी मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर का दर्जा मिला था.

मंदिर में दर्शन के बाद वह रामकृष्ण मिशन आश्रम में भी पहुंचे. मोदी ने मठ में करीब 25 मिनट बिताए. इस दौरान उन्होंने वहां ध्यान लगाया और प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लिया. मठ के बाहर उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से मुलाकात भी की.मोदी ने परिसर में मौजूद लोगों से गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए भेंट की. मठ प्रशासन ने भी उनको सम्मानित किया.

ढाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय दूतावास के नए ऑफिस का उद्घाटन भी किया. इस दौरान उन्होंने दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा भी की.

Advertisement

41 साल बाद बनी इन मुद्दों पर सहमति
इसके पहले, शनिवार को भारत और बांग्लादेश के बीच 41 साल पुराने सीमा विवाद पर समझौता हो गया. इस ऐतिहासिक समझौते में भारत ने बांग्लादेश को 17,160 एकड़ ज़मीन दी है और बांग्लादेश ने भारत को 7,110 एकड़ ज़मीन दी है. समझौते के बाद दोनों देशों की सीमाएं बदल गई हैं. सीमाओं पर बसे लोगों ने भारतीय झंडा लहरा कर जश्न मनाया . दोनों देशों ने लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट पर साइन किए. इसके साथ ही इस समझौते से 162 एनक्लेव के लोगों को पहचान मिलेगी.

22 अन्य मुद्दों पर भी सहमति
बॉर्डर विवाद सुलझने के अलावा 22 अहम मुद्दों पर भारत और बांग्लादेश में सहमति बनी है. आतंरिक जल पारागमन और व्यापार संधि को जारी रखने पर फैसला हुआ है. ढाका से कोलकाता, अगरतला और गुवाहाटी के लिए एसी बस सेवा शुरू हुई है, तो वहीं कई व्यापारिक समझौतों पर भी दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर हुए. पीएम मोदी के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी समझौतों को ऐतिहासिक बताया.

बस सेवा की शुरुआत
शनिवार को मोदी और हसीना ने कोलकाता और अगरतला के बीच ढाका होते हुए एक बस सेवा की शुरुआत की. दोनों देश रेल संपर्क को मजबूत करने, खास कर 1965 से पहले से अस्तित्व में रहे रेल संपर्कों को पुनर्जीवित करना चाहते हैं.इसके साथ ही भारत बांग्लादेश में बंदरगाहों की स्थापना में भारतीय कंपनियों की भागीदारी के लिए जोर देगा.

Advertisement
Advertisement