प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अपनी चीन यात्रा के दौरान कम्युनिस्ट देश में बसे भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि वह वहां अमेरिका के मैडिसन स्क्वायर गार्डन जैसा समां बांधेंगे. चीन में बसे 45000 भारतीयों को संबोधित करने वाले वह पहले भारतीय नेता होंगे. बतौर प्रधानमंत्री यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी.
राजनयिकों ने मोदी की हाई-प्रोफाइल यात्रा के लिए व्यापक एजेंडा तैयार करने पर गहन मंत्रणा की. चीन के कई शहरों में भारतीय एसोसिएशनों ने अपने सदस्यों को न्योता भेजकर मई के दूसरे या तीसरे हफ्ते में प्रधानमंत्री की होने वाली सभा में हिस्सा लेने के लिए शंघाई में जुटने के लिए तैयार रहने को कहा है.
न्योते को देखते हुए कार्यक्रम को न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन और सिडनी के ऑलफोन्स एरेना की तर्ज पर तैयार किया गया है जिसने भारत और दुनिया में लहर पैदा की. प्रधानमंत्री के फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की तीन देशों की यात्रा के तीसरे और आखिरी चरण में अगले हफ्ते टोरंटो में भी इसी तरह के कार्यक्रम को संबोधित करने की उम्मीद है.
चीन में हैं काम कर रहे करीब 45 हजार भारतीय
चीन में मोदी का यह प्रयास भारत के लिए कूटनीतिक स्तर पर फायदेमंद हो सकता है क्योंकि कम्युनिस्ट देश में भारतीय पेशेवरों और व्यापारियों की संख्या बढ़ रही है. चीन को 1962 के बाद से दशकों तक शत्रु देश माना जाता रहा.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की फरवरी में चीन यात्रा के दौरान तैयार किए गए एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, तकरीबन 45 हजार भारतीय फिलहाल चीन में काम कर रहे हैं. मोदी चीन में जानी-मानी शख्सियत हैं क्योंकि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह वहां के विकास मॉडल के अध्ययन और निवेश आकर्षित करने के लिए कई बार वहां का दौरा कर चुके हैं.
मोदी की मई में होने वाली यात्रा के कई पहलू होंगे, खास तौर पर गृहनगर कूटनीति के, जिसके तहत वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के गृह नगर शांक्सी जाएंगे. उम्मीद की जाती है कि शी टेराकोटा योद्धाओं के शहर में मोदी की मेजबानी करेंगे. इससे पहले, शी की पिछले साल सितंबर में हुई भारत यात्रा के दौरान मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में उनकी मेजबानी की थी.
- इनपुट भाषा