इस्लामाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कई अहम फैसले लिए. उन्होंने एक हाई लेवल मीटिंग में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करते हुए हिंसा फैलाने वालों की पहचान के लिए एक टास्क फोर्स बनाने और भविष्य में दंगों को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय दंगा-रोधी बल (Federal Anti-Riots Force) के गठन की घोषणा की.
टास्क फोर्स की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री शरीफ ने बताया कि इस टास्क फोर्स का नेतृत्व गृह मंत्री मोहसिन नकवी करेंगे. इसमें कानून मंत्री आजम नजीर तरार, आर्थिक मामलों के मंत्री अहद खान चीमा, सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार और सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह टास्क फोर्स बीते रविवार को हुई हिंसा में शामिल हथियारबंद व्यक्तियों की पहचान करेगी और उनके खिलाफ सख्त सज़ा की सिफारिश करेगी.
दंगा-रोधी बल और फोरेंसिक लैब
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित दंगा-रोधी बल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्नत उपकरणों से लैस किया जाएगा. इसके अलावा, ऐसे मामलों की जांच और सबूत जुटाने के लिए आधुनिक तकनीक से सुसज्जित एक फेडरल फोरेंसिक लैब भी स्थापित की जाएगी.
PTI पर आरोप
शरीफ ने इमरान खान की पार्टी पर तीखा हमला करते हुए इसे “फितना” (अराजकता) और “आतंकवादियों का समूह” करार दिया. उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार पर राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल कर इस्लामाबाद पर "हमला" कराने का आरोप लगाया. उन्होंने PTI को पाकिस्तान को बर्बाद करने से रोकने का संकल्प लिया और दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री ने बताया कि इन विरोध प्रदर्शनों और धरनों से पाकिस्तान को हर दिन 190 अरब रुपये का नुकसान हो रहा है. प्रदर्शन के दौरान करीब एक हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है.
PTI का पलटवार
बुधवार को PTI ने प्रशासन की कार्रवाई के बाद इस्लामाबाद में अपना विरोध "फिलहाल" के लिए स्थगित कर दिया. पार्टी ने इसे "फासीवादी सैन्य शासन" के तहत "नरसंहार" करार दिया और कहा कि उनके समर्थकों को हिंसा के जरिए पीछे हटने पर मजबूर किया गया.