अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने इमरान के बयानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. PML-N के अध्यक्ष और नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कल इस्लामाबाद में हुई इमरान की रैली को टारगेट किया है.
शहबाज शरीफ ने सोमवार को कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ इमरान खान को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन इमरान खान को उनकी एक शर्त माननी होगी. उन्हें सबूत के साथ बताना होगा कि कौन सी विदेशी ताकतें उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रही हैं? शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान ने दावा किया था उनके पास सबूत है कि विदेशी ताकत उनकी कुर्सी छीनना चाहती है, उन्हें सबूत को सार्वजनिक करना चाहिए.
इमरान पर झूठ बोलने का आरोप लगाया
शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, जमियत उलेमा ए-इस्लाम (F) और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के अध्यक्ष मौलाना मौलाना फजलुर रहमान के साथ प्रेस कांफ्रेंस की. शहबाज शरीफ ने कहा कि कल की रैली में इमरान ने हर बार की तरह झूठ बोला है. शहबाज ने इमरान से उनकी पार्टी PTI के खिलाफ चल रहे विदेशी फंडिंग मामले में भी जवाब मांगा.
बाहरी ताकतों ने विपक्ष को इकट्ठा किया- इमरान
बता दें कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को अपनी ताकत दिखाने के लिए इमरान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में मेगा रैली की थी. इस रैली में इमरान ने कहा था कि उनकी सरकार गिराने के लिए विदेशी ताकतों ने भारी तादाद में पैसे खर्च किए हैं. उन्होंने कहा था कि विदेशी ताकतें पाकिस्तान की विदेश नीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं. इमरान ने कहा था कि उनकी सरकार के खिलाफ साजिश की जानकारी उन्हें महीनों पहले से है. उन्होंने कहा था कि बाहरी ताकतों ने पाकिस्तान के विपक्षी दलों को इकट्ठा किया है, लेकिन अब समय बदल गया है.
बहुमत के लिए चाहिए 172 सांसद, इमरान के पास 155
दरअसल, पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 वोट की जरूरत होती है. इमरान की पार्टी पीटीआई गठबंधन के पास 179 सदस्यों का समर्थन था. इसमें उनकी पार्टी के 155 सदस्य और 4 प्रमुख सहयोगी दलों के सांसद शामिल थे. इमरान सरकार को मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद, बलूचिस्तान अवामी पार्टी और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस समर्थन दे रहे थे. हाल ही में इन 4 सहयोगियों में से 3 दलों एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन दे दिया था. हालांकि, सोमवार को अपने फैसले से पलटते हुए पीएमएल-क्यू ने फिर इमरान को समर्थन दे दिया है.