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भारत आने से बचने के लिए मेहुल चोकसी ने रची थी साजिश, 4 दिन पहले ही घर से हो गया था गायब

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमिनिका में पकड़ा गया है. इससे पहले वो एंटीगुआ में रह रहा था. लेकिन प्रत्यर्पण के डर से उसने भागने की साजिश रची लेकिन नाकाम रहा.

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फिलहाल एंटीगुआ और डोमिनिका की सरकारों के बीच मेहुल चोकसी को लेकर बात जारी है. (फाइल फोटो)
फिलहाल एंटीगुआ और डोमिनिका की सरकारों के बीच मेहुल चोकसी को लेकर बात जारी है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एंटीगुआ में रह रहा था मेहुल चोकसी
  • प्रत्यर्पण के डर से भागने की साजिश रची
  • एंटीगुआ के पीएम बोले- भारत को सौंपे

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमिनिका में पकड़ा गया है. मेहुल चोकसी एंटीगुआ और बरबूडा में रहता था लेकिन यहां से वो गायब हो गया था. जिसके बाद उसके खिलाफ इंटरपोल ने यलो नोटिस जारी किया था. सूत्रों के मुताबिक, चोकसी क्यूबा भागने की फिराक में था लेकिन डोमिनिका में ही उसे पकड़ लिया गया है.

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मेहुल चोकसी मई 2018 से एंटीगुआ में है क्योंकि उसे पता था कि एंटीगुआ और भारत के बीच प्रत्यर्पण को लेकर बहुत सारी दिक्कतें आने वाली हैं. लेकिन वहां उस पर दबाव बढ़ने लगा था और उसे पता था कि आज नहीं तो कल उसे भारत जाना पड़ेगा. इसीलिए उसने एक सोची समझी साजिश के तहत प्लान रचा. सूत्र बताते हैं कि वो हवाई जहाज से न जाकर मोटरबोट से गया. 

घर से गायब हो गया...
23 मई की शाम लगभग सवा 5 बजे मेहुल चोकसी को आखिरी बार एंटीगुआ स्थित उसके घर से निकलते हुए देखा गया था. उसके बाद घरवालों ने आरोप लगाया कि मेहुल चोकसी गायब हो गया है. जिसके बाद वहां की पुलिस ने बाकायदा लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की. पूरे एंटीगुआ में छानबीन की गई. जिस गाड़ी से वो निकला था वो तो मिल गई लेकिन मेहुल चोकसी का कोई पता नहीं चला. मेहुल चोकसी को जानने वाले एक शख्स ने दावा किया कि चोकसी क्यूबा चला गया है. 

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जानकारी के मुताबिक, इंटरपोल ने एंटीगुआ के कहने पर चोकसी के खिलाफ यलो नोटिस जारी किया था. यलो नोटिस इसलिए जारी किया जाता है ताकि किसी भी देश को उस शख्स के बारे में कोई भी जानकारी हो तो उसे साझा किया जाए. डोमिनिका पुलिस को इसकी जानकारी मिली कि मेहुल चोकसी उनके देश में है जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया. 

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क्या भारत से बचने की साजिश थी?
एंटीगुआ और बरबूडा देश के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने सीधे तौर पर मेहुल चोकसी को एक 'दायित्व' बताया है और वो चाहते हैं कि जल्द से जल्द चोकसी का प्रत्यर्पण भारत को हो जाए. उनकी तरफ से ऐसे बयान पहले भी आते रहे थे और इन्हीं बयानों की वजह से चोकसी को साफ पता चल गया था कि एंटीगुआ और बरबूडा उसके लिए सेफ जगह नहीं है. इसलिए वो वहां से भी फरार हो गया. 

चोकसी को क्यों था प्रत्यर्पण का डर?
मेहुल चोकसी के खिलाफ एंटीगुआ में दो केस चल रहे हैं. पहला तो प्रत्यर्पण का ही है जो भारत ने लगाया है और दूसरा ये है कि मेहुल चोकसी ने वहां की नागरिकता के लिए जो दस्तावेज दिए थे, वो गलत हैं. मेहुल चोकसी जानता था कि अगर ये साबित हो जाता है कि नागरिकता के लिए उसने जो दस्तावेज दिए हैं, वो गलत हैं तो उससे नागरिकता छीन ली जाती और फिर प्रत्यर्पण किया जाता. दोनों ही मामलों में एंटीगुआ और बरबूडा सरकार ने काफी सख्ती दिखाई है. वहां की सरकार नहीं चाहती है कि मेहुल चोकसी को कोई भी कानूनी संरक्षण मिले. उन्होंने ये तक कह दिया कि मेहुल चोकसी की वजह से आज एंटीगुआ की छवि खराब हो गई है. ऐसे लोगों की ऐसे देश में कोई जरूरत नहीं है. 

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अब आगे क्या होगा?
एंटीगुआ और बरबूडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने 'आजतक' से बातचीत में बताया है कि उन्होंने डोमिनिका की सरकार से अनुरोध किया है कि वो मेहुल चोकसी को सीधे भारत को ही सौंप दे. उन्होंने ये भी बताया कि वो एंटीगुआ और बरबूडा के भारतीय उच्चायुक्त से संपर्क में हैं.

उनका कहना है कि अगर वो एंटीगुआ लौट आता है तो उसे यहां कानूनी संरक्षण मिल जाएगा. इसलिए उन्होंने डोमिनिका की सरकार से अनुरोध किया है कि वो उसे सीधे भारत को ही सौंप दे. उनका कहना है कि वो यहां से कैसे भागा, इसकी जांच की जा रही थी. उन्होंने बताया कि मेहुल चोकसी ने यहां सिर्फ 1 लाख डॉलर का निवेश किया है जो मूंगफली के दाने बराबर जितना है. गेस्टन का कहना है कि अगर वो नागरिकता छोड़ देते हैं तो उन्हें उनका पैसा लौटा दिया जाएगा.

 

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