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जिस देश पर हमले के साथ शुरू हुआ था दूसरा विश्व युद्ध, अब पुतिन की सेना के मार्च की बढ़ी आशंका, बाइडेन बोले- घबराना मत, हम साथ रहेंगे

पौलेंड के राष्ट्रपति डूडा ने एक टीवी इंटरव्यू में यूरोप के भविष्य पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने पश्चिम को चेताते हुए कहा कि अगर व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध जीत जाते हैं, तो वे वहीं नहीं रुकेंगे. उन्होंने आशंका जताई कि यूक्रेन जीतने के बाद पुतिन फिर से हमले करेंगे. वो अन्य देश को निशाना बनाएंगे.

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Russian President Vladimir Putin and his US counterpart Joe Biden. (Photo: Reuters)
Russian President Vladimir Putin and his US counterpart Joe Biden. (Photo: Reuters)

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संयुक्त अमेरिका दौरे ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. पॉलिश राष्ट्रपति ने यहां यूरोप के भविष्य पर बड़ी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अगर पुतिन यूक्रेन जीत गए तो वो अपने युद्ध का दायरा बढ़ा सकते हैं. 

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राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने पोलैंड और अन्य देशों पर संभावित रुसी अक्रमण को लेकर चिंता जताई, जिस पर हिटलर के हमले ने दुनिया को छह साल लंबे दूसरे विश्व युद्ध में झोंक दिया था.

पोलैंड के राष्ट्रपति ने क्या कहा?

एक टीवी इंटरव्यू में राष्ट्रपति डूडा ने यूरोप के भविष्य पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने पश्चिम को चेताते हुए कहा कि अगर व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध जीत जाते हैं, तो वे वहीं नहीं रुकेंगे. उन्होंने आशंका जताई कि यूक्रेन जीतने के बाद पुतिन फिर से हमले करेंगे. वो अन्य देश को निशाना बनाएंगे.

पॉलिश राष्ट्रपति ने कहा, यही वजह है कि उन्हें (रूस) को रोकने की जरूरत है. उन्हें ब्लॉक किया जाना चाहिए और 'सबक' सिखाना चाहिए. इसी मुद्दे के साथ वे जो बाइडेन से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे थे. रूसी युद्ध अपने तीसरे साल में है और यूक्रेन अपना बचाव करने के लिए पूरी तरह से पश्चिमी मदद पर निर्भर है.

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यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका क्यों गए पॉलिश राष्ट्रपति-पीएम 

अमेरिका, पोलैंड समेत तमाम यूरोपीय और पश्चिमी देश यूक्रेन को पर्याप्त हथियार सप्लाई कर पाने में अक्षम हैं. मसलन, पॉलिश नेताओं के अमेरिका दौरे के बाद बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से 300 मिलियन डॉलर के मिलिट्री एसिस्टेंस यूक्रेन को भेजने का ऐलान किया गया है.

रूसी जंग की वजह से पोलैंड समेत आसपास के तमाम नाटो समर्थक देशों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, जहां यूक्रेन का युद्ध जीतना यूरोपीय देशों के लिए अहम है. यही वजह है कि पोलैंड के नेता अमेरिका पहुंचकर रूस को 'सबक' सिखाने की अपील कर रहे हैं.

जब रूस ने पोलैंड पर दागी मिसाइल!

यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान पोलैंड ने नवंबर 2022 में दावा किया था के रूसी मिसाइल हमले में दो लोगों की जान चली गई. पोलैंड के इस दावे की अमेरिका ने भी पुष्टि की थी लेकिन रूस ने इससे इनकार किया था. यह हमला ऐसे समय में हुआ था जब G20 देशों की इंडोनेशिया के बाली में मीटिंग चल रही थी. 

पोलैंड के नाटो सदस्य होने की वजह से इस हमले ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी थी. इस हमले को लेकर माना जा रहा है की पॉलिश नेता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर ज्यादा गंभीर हैं.

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'अमेरिका करता रहेगा मदद', बाइडेन ने दिया भरोसा

यूरोपीय देशों, खासकर रूस का 'दंश झेलने वाले देशों' के सामने भविष्य के लिए खतरा मंडराने लगा है, जहां उनके सामने सबसे बड़ा सवाल मिलिट्री अलायंस और अमेरिकी सहयोग का है. व्हाइट हाउस में पॉलिश नेताओं के साथ मीटिंग के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें मदद जारी रखने का भरोसा दिया है. हालांकि, पोलेंड का दावा है कि रूस ने नाटो के ईस्टर्न सीमाओं पर 'बड़े पैमाने पर युद्ध छेड़ दिया' है.

हिटलर ने कब और क्यों किया था पोलैंड पर हमला?

1 सितंबर, 1939 को, एडॉल्फ हिटलर की अगुवाई वाली जर्मन सेना ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया था, जिससे दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हुई. पोलैंड की लड़ाई लगभग एक महीने चली और हिटलर की जीत के साथ समाप्त हुई, लेकिन आक्रमण ने दुनिया को एक ऐसे युद्ध में झोंक दिया जो लगभग छह वर्षों तक जारी रहा और लाखों लोगों की जान ले ली.

हिटलर एक क्रूर तानाशाह था जो पूरे यूरोप को जीतने की चाहत रखता था और पोलैंड पर कब्जा करना हिटलर की उसी बड़ी योजना का हिस्सा था. पॉलिश सेना इतनी ताकतवर नहीं थी और हिटलर ने युद्ध जीत लिया, लेकिन इस आक्रमण का जवाब ब्रिटेन और उसके सहयोगियों ने ऐसा दिया की हिटलर का अंत हो गया.

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