इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी के तीसरे कार्यकाल की दावेदारी से पीछे हटने के साथ ही देश में जारी राजनीतिक गतिरोध के खत्म होने के आसार हैं. इराक की संसद के अध्यक्ष ओसामा अल-नुजैफी ने भी अगले कार्यकाल की दौर से पीछे हटने का संकेत दिया है.
इस बीच, इराक के स्वायत्तशासी कुर्दिस्तान में स्वतंत्रता को लेकर जनमत संग्रह का अमेरिका ने विरोध किया है और कहा है कि वह एकजुट इराक के ही मजबूत रहने में भरोसा करता है.
निवर्तमान प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी के यह तय करने के बाद कि वे सरकार के मुखिया के रूप में तीसरा कार्यकाल नहीं चाहेंगे, संसद के निवर्तमान अध्यक्ष अल-नुजैफी ने भी अगले कार्यकाल की दौर से पीछे हटने का फैसला किया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नुजैफी ने कहा, 'नई शर्तों के तहत मैं काउंसिल ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स (इराकी संसद) के अध्यक्ष पद की दावेदारी से नाम वापस लेने की घोषणा करता हूं और जो भी इस पद पर आसीन होंगे उनसे जनता की सेवा करने में सफल होने की कामना करता हूं.'
बयान में कहा गया है, 'हमने नेशनल अलायंस की शिया पार्टियों के साथ काम किया है. इसी अलायंस में मलिकी की स्टेट ऑफ लॉ कॉजिन भी शामिल है. यह घटक प्रधानमंत्री बदलने की दिशा में बढ़ चला है ताकि विभाजन के खतरे का सामना कर रहे हमारे प्रिय मुल्क इराक की नीतियों में बदलाव लाया जा सके.'
नुजैफी ने कहा है कि मलिकी के तीसरे कार्यकाल को बड़ी शिया पार्टियों, कुर्दो और सभी सुन्नी पार्टियों ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, 'जब मलिकी को महसूस हो गया कि नए प्रधानमंत्री को नामित करना लाजिमी हो गया है, तो उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल को अध्यक्ष पद पर अगले कार्यकाल के लिए मुझे खुद को नामित नहीं करने की सहमति से संबद्ध करने पर बल दिया.'
बयान के मुताबिक, नुजैफी ने मलिकी के तीसरे कार्यकाल से पीछे हटने को नुजैफी के नाम वापसी से जोड़ने को 'हैरतअंगेज और तर्क से परे' करार दिया.
नुजैफी और मलिकी को अपने-अपने पदों से अगले कार्यकाल के लिए दावेदारी से पीछे हटने को इराक में राजनीतिक गतिरोध खत्म होने की दिशा में एक बड़ा कदम होने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि संसद के अगले सत्र का आयोजन मंगलवार को होने जा रहा है. इससे पहले एक जुलाई को आयोजित सत्र में सांसद नया अध्यक्ष और उनके दो उपाध्यक्षों का चुनाव करने पर सहमति बनाने में नाकाम रहे थे.
इराक के संविधान के मुताबिक, संसद के अध्यक्ष के निर्वाचन के 30 दिनों के भीतर नए राष्ट्रपति का निर्वाचन करना अनिवार्य है. इसके बाद नए राष्ट्राध्यक्ष के पास सांसदों से प्रधानमंत्री को मनोनीत करने को कहने के लिए एक पखवाड़े का वक्त होता है. इसके बाद प्रधानमंत्री नई सरकार का गठन के लिए जिम्मेदार होता है.
मनोनीत प्रधानमंत्री को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों का चुनाव करने और सूची संसद के सामने पेश करने के लिए 30 दिनों का समय होता है.
देश में सुरक्षा की गंभीर होती स्थिति में नई संयुक्त सरकार इराक के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है जो सुन्नी आतंकवादियों के कारण उत्पन्न देश के विभाजन के खतरे को टाल सके.
10 जून को इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड ग्रेटर सीरिया (आईएसआईएस) के सुन्नी आतंकवादियों ने मोसुल और तिकरित पर कब्जा कर लिया. अचानक और जोरदार हमले के कारण इराकी सुरक्षा बलों को कदम पीछे खींचना पड़ा.
उधर अमेरिका ने इराक के स्वायत्तशासी कुर्द क्षेत्र में देश से पृथक होने के लिए जनमत संग्रह कराए जाने का विरोध किया है.
उत्तरी इराक के कुर्दिश क्षेत्र के राष्ट्रपति मसूद बारजानी ने जनमत संग्रह का आह्वान किया है. उन्होंने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड ग्रेटर सीरिया (आईएसआईएस) के सुन्नी आतंकवादियों द्वारा उत्तरी और पश्चिमी इराक में एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लेने और उनके आक्रामक बने रहने के बाद यह आह्वान किया. सुन्नी आतंकवादियों ने इराक और सीरिया में अपने कब्जे वाले क्षेत्र में खलीफा शासन की स्थापना करने की घोषणा कर दी है.
बारजानी ने कथित रूप से कुर्दिश क्षेत्रीय संसद से गुरुवार को आत्मनिर्णय के अधिकार पर जनमत संग्रह की तैयारी करने को कहा है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'तथ्य यह है कि हमारा इस बात में भरोसा है कि एकजुट इराक ही मजबूत रह सकता है.'
उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि अमेरिका लगातार लोकतांत्रिक, बहुजातीय और एकजुट इराक का समर्थन करता है. और हम इराक में सभी पक्षों से यह अनुरोध जारी रखेंगे कि इस लक्ष्य की दिशा में वे एक साथ रहते हुए काम करना जारी रखें.'