कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कभी-कभी मर्द कुछ ज्यादा ही पुरुषत्व वाले हो जाते हैं, जबकि महिलाओं के पास दुनिया को सिखाने-बताने के लिए बहुत कुछ है. अर्जेंटीना मूल के पोप ने यह भी कहा कि दुनिया को अलग नजरिए से देखने और अलग सवाल उठाने की जरूरत है.
पोप अपनी छह दिवसीय एशिया यात्रा के तहत रविवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला में थे. उन्होंने रविवार सुबह खुले आसमान के नीचे एक बड़ी प्रार्थना सभा की अगुवाई की. मनीला के रिजल पार्क में करीब 30 लाख लोग प्रार्थना शुरू होने से दो घंटे पहले जमा हो चुके थे. मनीला में 20 साल पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय के आगमन पर ऐसी ही प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी.
इससे पहले, वेटिकन ने ऐलान किया था कि पोप फ्रांसिस रविवार की प्रार्थना सभा में विशेष रूप से 2013 में देश में आए समुद्री तूफान 'हैयान' के पीड़ितों के लिए प्रार्थना करेंगे. आठ करोड़ की कैथोलिक आबादी वाले देश फिलीपींस में प्रार्थना सभा के साथ ही पोप फ्रांसिस की छह दिनों की एशिया यात्रा का समापन हो गया.
पोप फ्रांसिस स्थानीय मिनीबस की तर्ज पर निर्मित 'पोपमोबाइल' वाहन में सवार होकर प्रार्थन सभा स्थल पर पहुंचे थे. पोप के पहुंचते ही वहां मौजूद लोगों ने गीतों और जय-जयकार से उनका स्वागत किया. पोप ने जगह-जगह रुककर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने आए लोगों का अभिवादन किया.
कुछ लोगों ने तो शनिवार रात से ही रिजल पार्क के बाहर डेरा डाल रखा था, ताकि रविवार को पार्क का फाटक खुलते ही पहले प्रवेश पा सकें. प्रार्थना सभा की अगुवाई से पहले पोप ने सुबह स्थानीय धर्मगुरुओं और युवाओं के साथ सैंटो थॉमस यूनिवर्सिटी में बैठक की. सैंटो थॉमस विश्वविद्यालय एशिया का सबसे बड़ा कैथोलिक विश्वविद्यालय है.
पोप ने 20,000 से भी ज्यादा छात्र-छात्राओं के साथ बैठक की शुरुआत 27 वर्षीय युवती के लिए दुआ के साथ की, जिसकी मौत टैकलोबान के दौरे में हुई थी.
---इनपुट IANS से