पोप फ्रांसिस पिछले दो हफ्तों से अधिक वक्त से अस्पताल में हैं जहां वो सांस लेने की दिक्कतों से जूझ रहे हैं. अब वेटिकन ने कहा है कि पोप फ्रांसिस को सोमवार को दो बार सांस लेने में बहुत परेशानी हुई और उन्हें फिर से नॉन-इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया. यह निमोनिया से पोप की लड़ाई में एक और झटका है.
इसके बाद डॉक्टरों ने दो ब्रोंकोस्कोपी कर उनके फेफड़ों से बहुत अधिक मात्रा में बलगम निकाला जिसमें एक कैमरा टिप वाली ट्यूब को उनके वायुमार्ग में भेजा गया था ताकि बलगम को निकाला जा सके.
वेटिकन ने कहा कि पोप के शरीर में बलगम का होना कोई नया संक्रमण नहीं था बल्कि निमोनिया की वजह से ही बलगम जम गया था. पोप के बलगम के लैब टेस्ट में किसी नए बैक्टीरिया संक्रमण का संकेत नहीं मिला है.
सेहत को लेकर क्या बोले डॉक्टर?
सोमवार को पोप फ्रांसिस एलर्ट रहें और उन्होंने डॉक्टरों के साथ पूरा सहयोग किया. डॉक्टरों ने यह नहीं बताया कि उनकी हालत स्थिर है या नहीं, हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि पोप की सेहत पर फिलहाल कोई बड़ा संकट नहीं है.
88 वर्षीय पोप लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित हैं. संक्रमण की वजह से उनके फेफड़े का एक हिस्सा भी निकाल दिया गया है.
शिकागो में नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर चिकित्सक डॉ. जॉन कोलमैन ने कहा कि बलगम जमने की घटना शुक्रवार की पिछली घटना से अधिक चिंताजनक है, जिसमें फ्रांसिस को खांसी का दौरा पड़ा था. खांसते-खांसते पोप फ्रांसिस ने उल्टी कर दी थी. इसके बाद उन्हें एक दिन के लिए नॉन-इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया था और फिर उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ी थी.
कोलमैन ने कहा कि ब्रोंकोस्कोपी का इस्तेमाल हुआ जिसका मतलब है कि फेफड़ों में बलगम और कफ काफी अधिक मात्रा में जम गया था. उन्होंने कहा, 'बात यह है कि डॉक्टरों को मैनुअल रूप से कफ और बलगम को निकालना पड़ा क्योंकि इसका मतलब ये है कि वो अपने आप बलगम को साफ नहीं कर पा रहे थे.'
कोलमैन ने कहा कि कि फ्रांसिस की हालत में थोड़ा सुधार हो रहा है और फिर उनकी हालत वैसी ही हो जा रही है.
शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं और चलने-फिरने के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल करते हैं. उनका वजन भी काफी ज्यादा है जिससे उन्हें परेशानी होती है.
फेफड़े सही से काम करें, पोप इसके लिए फिजियोथेरेपी करवा रहे थे. लेकिन उसके फेफड़ों में बलगम का जमा होना इस बात का संकेत है कि उनमें खांसने की भी ताकत नहीं बची है. बलगम को बाहर निकालने के लिए खांसना पड़ता है और खांसने के लिए उनके पास पर्याप्त मांसपेशी नहीं हैं.
14 फरवरी को पोप फ्रांसिस फेफड़ों के संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे. वो 12 सालों से पोप के पद पर हैं और इतने लंबे समय तक पद से कभी अनुपस्थित नहीं रहे.