scorecardresearch
 

ढाका पहुंचे मुखर्जी, 21 तोपों की दी गई सलामी

इस बीच बांग्लादेश की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का रविवार को भव्य सागत किया गया. उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई.

Advertisement
X
प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

इस बीच बांग्लादेश की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का रविवार को भव्य सागत किया गया. उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई.

Advertisement

विपक्षी शीर्ष इस्लामिक नेताओं को दी गई मौत की सजा पर उपजे ताजा संघर्ष में 14 लोगों की जान चली गई. पत्नी सुवर्णा मुखर्जी और एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे मुखर्जी का बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. जिल्लुर रहमान ने हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया.

मुखर्जी के साथ गए आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी, विदेश सचिव रंजन मथाई और चार सांसद शामिल हैं. यह मुखर्जी की भारत के राष्ट्रपति के रूप में पहली विदेश यात्रा है. उनके स्वागत के लिए एक विशेष सुसज्जित मंच तैयार किया गया था.

राष्ट्रपति मुखर्जी की बांग्लादेश यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जबकि विपक्षी जमात-ए-इस्लामी वर्ष 1971 के युद्ध अपराध के लिए अपने शीर्ष नेताओं को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. जमात-ए-इस्लामी ने तीन से पांच मार्च तक हड़ताल आयोजित की है.

Advertisement

जमाते-ए-इस्लामी अपने प्रमुख दिलवर हुसैन सईदी को 1971 के युद्ध अपराध, जिसमें दुष्कर्म और नरसंहार शामिल है, के लिए दोषी ठहराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. पुलिस और जमात समर्थकों (छात्र इकाई इस्लामी छात्र शिबिर सहित) के बीच संघर्ष में अब तक कम से कम 60 लोगों की जान जा चुकी है.

सड़कों पर आम तौर पर शांति है, लेकिन वहां पहुंचे पत्रकारों से अकेले बाहर निकलने से मना किया गया है और समूह में ही निकलने की सलाह दी गई है. अधिकारियों के मुताबिक हिंसा मुख्यत: हिंदू बहुल क्षेत्र नोआखाली और चटगांव के आसपास हुई है.

रविवार को पुलिस और जमात-ए-इस्लामी समर्थकों के बीच झड़प में 14 लोगों की जान चली गई, जिसमें से एक पुलिस कंस्टेबल है.

राष्ट्रपति की बांग्लादेश यात्रा से पहले सुरक्षा से सम्बंधित पूछे गए एक सवाल पर विदेश सचिव रंजन मथाई ने नई दिल्ली में कहा कि बांग्लादेश में कुल मिलाकर सुरक्षा की दृष्टि से शांति कायम है.

मथाई ने कहा कि हमने उनके दौरे के लिए काफी तैयारी की है. तैयारी के लिए पहले एक दल जा चुका है. स्थिति की भली भांति परीक्षा कर ली गई है और यात्रा जारी रखना बिल्कुल मुफीद है. सूत्रों ने कहा कि दौरे से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि कठिन घड़ी में भारत बांग्लादेश के साथ है.

Advertisement

बांग्लादेश में उतरने के बाद मुखर्जी एक हेलीकॉप्टर में सवार होकर 30 किलोमीटर दूर सवर में राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना हो गए. उन्होंने स्मारक पर एक चादर चढ़ाई. परिसर में एक पौधा रोपा और यात्री पुस्तिका में हस्ताक्षर किया.

राष्ट्रपति ने अपने संदेश में लिखा है कि राष्ट्रीय शहीद स्मारक न्याय, मुक्ति और आजादी के लिए बांग्लादेश के संघर्ष का प्रतीक है. यह हमें असंख्य लोगों, महिलाओं, बच्चों द्वारा अपने सोनार बांग्ला के लिए दी गई कुर्बानी की याद दिलाता है. मैं उन शहीदों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजली अर्पित करता हूं.

राष्ट्रपति होटल पैन पैसिफिक सोनारगांव में ठहरे हैं. उनसे इसी होटल में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, विदेश मंत्री दीपू मोनी और वित्त मंत्री अबू माल अब्दुल मुहिथ मिलने आएंगे.
वह बांग्लादेश मुक्ति संग्राम सम्मान भी प्राप्त करेंगे.

ढाका विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्हें विधि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की जाएगी. वह यहां रहने वाले भारतीय समुदाय की ओर से आयोजित होने वाले भोज में भी हिस्सा लेंगे.

Advertisement
Advertisement