प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से गुरुवार को मुलाकात करेंगे. न्यूयॉर्क में होने वाली यह बैठक तब हो रही है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को मुलाकात की थी.
इस मुलाकात में आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इससे पहले जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ट्रंप ने मुलाकात की थी तब भी ईरान का मुद्दा उठा था और ट्रंप ने ईरान को आतंकवादियों के लिए नंबर एक देश बताया था.
Prime Minister Narendra Modi to meet Iranian President Hassan Rouhani in #NewYork tomorrow. (file pic) pic.twitter.com/QncQ5cTvcz
— ANI (@ANI) September 25, 2019
पीएम मोदी का दौरा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस दावे के बाद हो रहा है जिसमें इमरान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें ईरान के साथ विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा है. दरअसल, इमरान खान ने मंगलवार को कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझसे कहा कि अगर ईरान के साथ तनाव कम होता है, तो हम संभवत: एक दूसरे करार के साथ सामने आ सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक के बाद तुरंत सोमवार को राष्ट्रपति (हसन) रूहानी से बात की. लेकिन, अभी मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. हम कोशिश कर रहे हैं और मध्यस्थता कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'क्राउन प्रिंस ने भी मुझे तनाव को कम करने के लिए ईरानी राष्ट्रपति से बात करने को कहा है.'
माना जाता है कि पाकिस्तान का तालिबान पर असर है और अफगानिस्तान में शांति तथा वहां से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की कोशिशों में पाकिस्तान की खास भूमिका है. इस समझौते के प्रयास में ट्रंप के लिए इमरान को एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है.
परमाणु सौदे से ट्रंप के बाहर निकलने के बाद बढ़ा तनाव
ईरान के साथ निभाई जाने वाली भूमिका ट्रंप के लिए खान के प्रभाव को और मजबूत कर सकती है. ईरान के साथ 2015 के बहुपक्षीय परमाणु सौदे से ट्रंप के बाहर निकलने के बाद से ही खाड़ी क्षेत्र में संकट पैदा हो गया है. इसके बाद से ट्रंप ने तेहरान पर कई प्रतिबंध लगाए, जिनमें इसके तेल निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध प्रमुख हैं.
तनाव बढ़ने पर ईरान ने जून में एक अमेरिकी सैन्य ड्रोन को मार गिराया था. इसके बाद तनाव चरम पर पहुंच गया, मगर ट्रंप ने अंतिम क्षण में ईरान पर अमेरिकी मिसाइल हमले को रोक दिया. जून में ओमान की खाड़ी में भी दो तेल टैंकरों पर हमला किया गया था और 14 सितंबर को ड्रोन हमलों से सऊदी तेल रिफाइनरी पर हमला हुआ.
हालांकि, यमन में ईरान समर्थित हैती विद्रोहियों ने सऊदी की रिफाइनरी पर हमलों की जिम्मेदारी का दावा किया है, मगर अमेरिका ने इसके लिए ईरान को ही दोषी ठहराया है. फ्रांस के राष्ट्रपति अमेरिका व ईरान के इस तनाव को कम करने के लिए ट्रंप और रूहानी को मिलाने की कोशिश कर रहे हैं, जोकि फिलहाल संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क में हैं.
रूहानी ने हालांकि अमेरिकी द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने तक फिलहाल इस तरह की बैठक पर विचार करने से इनकार कर दिया है. अफगानिस्तान के बारे में खान ने कहा, 'हम अब कोशिश कर रहे हैं कि तालिबान और अमेरिका के बीच बातचीत फिर से शुरू हो.'