प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान में हैं. यहां उन्होंने समित से इतर चीन और रूस के राष्ट्रपति से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को जहां पाकिस्तान के आतंक समर्थक रुख के बारे में बताया तो वहीं दूसरी तरफ रूस को अपना सबसे पुराना दोस्त बताकर शुक्रिया अदा भी किया.
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्लादिवोस्तोक में होने जा रहे ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है और प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह आमंत्रण स्वीकार किया है. जापान में होने जा रहे जी-20 समिट से इतर रूस, भारत और चीन की त्रिपक्षीय वार्ता होगी.
मोदी ने गुरुवार को SCO शिखर बैठक से अलग पुतिन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की और दोनों नेताओं ने कहा कि विश्वास पर आधारित पुराने रिश्ते को और मजबूत बनाने की जरूरत है. विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं ने साझेदारी के विशेष महत्व को स्वीकार किया.
विजय गोखले ने कहा, 'दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि यह नेतृत्व और जनता के बीच विश्वास पर आधारित एक पुराना रिश्ता है और इस रिश्ते को बनाए रखने, विकसित करने और अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की जरूरत है.'
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग को दोनों के संबंधों से अवगत कराया और जिनपिंग भी इस बात से सहमत हुए कि दोनों देशों को संबंध मजबूत करने की आवश्यकता है. पीएम मोदी ने उन्हें (जिनपिंग) अगले अनौपचारिक समिट के लिए आमंत्रित किया है और उन्होंने भी कहा कि वह इस साल भारत दौरे पर आ सकते हैं.