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Britain: क्या नए कैबिनेट से हटाए जाने की अटकलें हैं प्रीति पटेल के इस्तीफे की वजह

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुनाव में लिज ट्रस ने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को पटखनी देते हुए प्रधानमंत्री पद जीत लिया. उनकी जीत के कुछ घंटों बाद ही बोरिस जॉनसन सरकार में गृह मंत्री रहीं प्रीति पटेल ने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका कैबिनेट से इस्तीफा देने की टाइमिंग सवालों के घेरे में हैं.

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प्रीति पटेल
प्रीति पटेल

ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार में गृह मंत्री प्रीति पटेल (Priti Patel) ने प्रधानमंत्री चुनाव में लिज ट्रस (Liz Truss) की जीत के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने खुद बोरिस जॉनसन के नाम अपना त्यागपत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया. भारतीय मूल की प्रीति पटेल ने त्यागपत्र शेयर करते हुए कहा कि वह पद से इस्तीफा दे रही हैं और सांसद के रूप में जनसेवाएं जारी रखना उनकी पसंद है. बता दें कि लिज ट्रस मंगलवार को प्रधानमंत्री पद संभाल लेंगी. 

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हालांकि, प्रीति पटेल ने लिज ट्रस को जीत की बधाई देते हुए उनका पूर्ण समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई. 

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बीते तीन सालों तक ब्रिटेन के गृहमंत्री के रूप में सेवा करने मेरे लिए सम्मान की बात रही. मैं पुलिस, इमिग्रेशन सिस्टम में सुधार और हमारे देश की सुरक्षा से जुड़े कामों को लेकर बहुत गौरवान्वित हूं. 

नई कैबिनेट में प्रीति पटेल को बाहर का रास्ता दिखाए जाने की थी संभावना

लेकिन लिज ट्रस की जीत के तुरंत बाद प्रीति पटेल के इस्तीफा देने की टाइमिंग सवालों के घेरे में है. लिज ट्रस की जीत से पहले ही ऐसी रिपोर्ट्स थीं कि ट्रस प्रधानमंत्री बनते ही पटेल को गृहमंत्री पद से हटा देंगी. उनकी जगह वह एक और भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) को गृह मंत्री नियुक्त कर सकती हैं.

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ब्रेवरमैन फिलहाल अटॉर्नी जनरल हैं और वह इस बार के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थीं लेकिन शुरुआती तीसरे राउंड में ही रेस से बाहर हो गई थीं. 

मेल प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीति पटेल एकमात्र मंत्री नहीं हैं, जिन्होंने ट्रस की जीत के बाद कैबिनेट से इस्तीफा दिया है. संस्कृति मंत्री नैडिन डोरिस (Nadine Dorries) ने भी ट्रस की जीत के बाद पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन उन्हें पद पर बने रहने को कहा गया. जबकि प्रीति पटेल के मामले में उन्हें इस तरह कैबिनेट में बने रहने की कोई पेशकश नहीं की गई. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रीति पटेल ने लिज ट्रस के नेतृत्व में कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की शर्मिंदगी से खुद को बचाते हुए इस्तीफा देना सही समझा. 

प्रीति पटेल की आलोचना

गृह मंत्री के रूप में प्रीति पटेल की इमिग्रेशन और अपराध से निपटने की नीतियां भी आलोचकों के निशाने पर रहीं. आलोचकों ने उनके इस्तीफे को पिंड छूटना (Good Riddance) बताते हुए उन्हें सबसे खराब गृह मंत्री बताया है. 

ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद पॉला बार्कर ने ट्वीट कर कहा, प्रीति पटेल का नाम इतिहास में सबसे खराब गृह मंत्री के तौर पर दर्ज होगा. उनका कार्यकाल बदमाशियों और द्वेषपूर्ण नीतियों से भरा पटा है, जिसने हमारे देश को अंतरराष्ट्रीय कानून के हाशिए पर ला खड़ा किया.

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लेबर पार्टी की एक और सांसद जाराह सुल्ताना ने कहा, अच्छा है, पिंड छूटा. आप एक निर्दयी गृह मंत्री थीं और कोई भी आपको याद नहीं करेगा.

प्रीति पटेल की आलोचना सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि उनके सहयोगी भी करते रहे. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके साथ करने वाले लोग प्रीति पटेल को अक्सर बुली (Bully) बुलाते थे. 

इमिग्रेशन सर्विसेज यूनियन (आईएसयू) की एक अधिकारी लूसी मोरेटन बताती हैं, उनके तहत काम करने वाले कर्मचारियों का भावनात्मक तौर पर शोषण चरम पर था. कर्मचारियों की शिकायतें किसी भी स्तर पर सुनी नहीं जाती थीं. 

प्रीति पटेल और विवादों का चोली दामन का साथ

बोरिस जॉनसन सरकार में गृह मंत्री का पद संभाल चुकी प्रीति पटेल के तीन साल के कार्यकाल में उनका नाम कई विवादों से जुड़ा रहा. उनकी नई प्रवास नीति की सबसे अधिक आलोचना हुई. 

इस साल की शुरुआत में पटेल ने रवांडा के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत ब्रिटेन में शरणार्थी बनकर रहने की अनुमति चाहने वालों को वापस रवांडा भेजा जाने लगा. उनकी इमिग्रेशन और अपराध से निपटने संबंधी योजनाओं को लेकर खूब विवाद हुआ था. उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर भारत, पाकिस्तान जैसे कई देशों के साथ समझौते भी किए थे. 

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