पंजाब में अलगाववादियों पर जारी पुलिस के क्रैकडाउन से विदेश में रहने वाले खालिस्तान समर्थक बुरी तरह से बौखला गए हैं. एक दिन पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाद अब अलगाववादियों ने अमेरिका में भारतीय दूतावास को निशाना बनाकर उस पर हमला किया है.
खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में स्थित भारत के वाणिज्यिक दूतावास में तोड़फोड़ की. 20 मार्च को यहां पहुंचे अलगाववादी दूतावास के अंदर घुस गए और वहां लगे बैरियर को तोड़ दिया. हमले में शामिल लोग खालिस्तान समर्थित नारेबाजी कर रहे थे. हमलावरों ने दूतावास के बाहर की दीवार पर स्प्रे से बड़े-बड़े अक्षरों में 'फ्री अमृतपाल' भी पेंट कर दिया था.
अमेरिका में दूतावास पर हमले के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. भारत ने दिल्ली में अमेरिका के विदेश मामलों के प्रभारी के साथ बैठक कर अपना विरोध दर्ज कराया. इस मीटिंग में भारत ने अमेरिका को राजनयिक प्रतिनिधित्व की सुरक्षा का दायित्व याद दिलाया. बैठक में भारत ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आगे न हों, इसके लिए अमेरिका फौरन जरूरी कदम उठाए.
दूतावास के अंदर घुस गई भीड़
इसके अलावा वॉशिंगटन डीसी में स्थित भारतीय दूतावास ने भी अमेरिकी विदेश विभाग को अपनी चिंताओं के बारे में बताया. अमेरिका के दूतावास में हुए हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक भीड़ दूतावास के अंदर घुसती नजर आ रही है. वीडियो के ब्रैकग्राउंड में पंजाबी संगीत सुनाई दे रहा है.
US ने सुरक्षा का भरोसा दिया
भारत की प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका ने दूतावास पर हमले की निंदा की. अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता है. हम दूतावास में काम करने वाले कर्मचारियों और राजनयिकों को भरोसा दिलाते हैं कि अमेरिका उनकी सुरक्षा के प्रति सचेत है और आगे से सुरक्षा देने की प्रतिज्ञा लेता है.
जॉन किर्बी ने भी की हमले की निंदा
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं बिल्कुल अस्वीकार है. उन्होंने आगे कहा कि स्टेट डिपार्टमेंट की डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस मामले की जांच करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रही है.
लंदन में उच्चायोग पर किया हमला
इससे पहले अलगाववाद समर्थकों ने ब्रिटेन की राजधानी लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर भी हमला किया था. यहां खालिस्तान का झंडा लेकर पहुंची भीड़ ने उच्चायोग की बिल्डिंग से भारत का झंडा नीचे उतार दिया था और खालिस्तानी झंडा फहराने की कोशिश की थी. इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटेन के सामने भी अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था.