यूक्रेन के खिलाफ जंग का आगाज करने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब फंसते नजर आ रहे हैं. पहले ही पिछले 8 दिनों से जारी जंग में रूस की सेना कोई बड़ा कमाल नहीं दिखा पाई है तो वहीं अब रूस में पुतिन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन शुरू हो गया है.
पुतिन के सबसे बड़े आलोचक और रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी (Alexei navalny) ने जंग शुरू करने पर पुतिन की आलोचना की है. युद्ध का विरोध करते हुए नवेलनी ने रूस के लोगों से सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को कहा है. इतना ही नहीं पुतिन की आलोचना करते हुए नवेलनी ने उनकी तुलना पागल जार (czar) से की है. बता दें कि जार पहले रूस में शासकों को कहा जाता था.
पुतिन पर लगा था जहर देने का आरोप
44 साल के एलेक्सी नवेलनी रूस के बड़े विपक्षी नेता और वकील हैं. वे पिछले साल जनवरी में पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन कर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गए थे. इस विरोध-प्रदर्शन में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था. तब रूस की पुलिस ने करीब 3 हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था. एलेक्सी नवेलनी को उनकी पत्नी यूलिया के साथ गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले अगस्त 2020 में उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे यात्रा के दौरान फ्लाइट में अचानक बेहोश हो गए थे. उन्हें साइबेरिया के ओमस्क में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद नवेलनी जर्मनी आ गए थे. लेकिन बर्लिन ने वापस मास्को पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्होंने पुतिन पर उन्हें जहर देने का आरोप लगाया था.
पुतिन की पार्टी के खिलाफ लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
एलेक्सी नवेलनी रूस में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कैंपेन चलाते रहे हैं. इस दौरान वे कई बार जेल जा चुके हैं. 2011 में उन्होंने पुतिन की पार्टी के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था. उनका आरोप था कि पुतिन की पार्टी ने संसदीय चुनाव में धांधली की थी. इस आरोप के बाद उन्हें 15 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया था. साल 2013 में भी वे जेल जा चुके हैं. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. हालांकि, नवेलनी ने कहा कि सरकार उन्हें जानबूझ कर फंसा रही है.
नवेलनी पर होते रहे हैं हमले
नवेलनी पर 2017 में जानलेवा हमला हुआ था. हमले में उनकी आंख में गंभीर चोटें आईं. साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होने की कोशिश की लेकिन धोखाधड़ी के आरोप के चलते वे ऐसा न कर सके. एलेक्सी ने इसे सरकार की साजिश बताया था. जुलाई 2019 में उन्हें 30 दिन की जेल हुई थी क्योंकि उन्होंने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. उस वक्त जेल में उनकी तबीयत बिगड़ गई और यह भी कहा गया कि जेल में उन्हें जहर देने की कोशिश की गई थी.