रूस-यूक्रेन जंग की पहली बरसी (24 फरवरी) से ठीक 3 दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश की जनता को संबोधित किया. पुतिन के इस संबोधन पर दुनियाभर के लोगों की निगाहें टिकी हुई थीं. लोगों को उम्मीद थी कि अपने संबोधन में पुतिन कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं. पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में वही खेल खेला है, जो उन्होंने सीरिया और ईराक के साथ किया था.
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि डोनबास की सुरक्षा के लिए रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था. यूक्रेन में लगातार हो रहे हमलों के बाद भी डोनबास के लोग साल भर तक डटे रहे. रूस ने शांतिपूर्ण तरीकों से डोनबास की समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव कोशिश की. डोनबास के लोग मानते थे, उन्हें उम्मीद थी कि रूस उनके बचाव में आएगा. लेकिन पश्चिम ने फिर वही खेल खेला.
पुतिन ने कहा कि विशेष अभियान शुरू होने से पहले ही पश्चिमी देश यूक्रेन को हवाई रक्षा की आपूर्ति करने लिए बातचीत कर रहे थे. पुतिन ने आगे कहा कि रूस ने सालों तक पश्चिम के साथ बातचीत के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन हमेशा उसे नजरअंदाज किया गया. आज के ही दिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी पोलैंड से लोगों को संबोधित करने वाले हैं.
अचानक कीव पहुंच गए थे बाइडेन
एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अचानक यूक्रेन के दौरे पर पहुंच गए थे. उनकी इस विजिट को दुनिया हैरानी से देख रही थी, क्योंकि उनका ये दौरा अचानक ही सामने आया था, इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी. कीव पहुंचकर बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका हमेशा यू्क्रेन के साथ खड़ा है और आगे भी उसके साथ खड़ा रहेगा. उन्होंने कहा था कि यूक्रेन को हर संभवन मदद की जाएगी.
'पुतिन को लगा पश्चिमी देश एकजुट नहीं'
अपने दौरे में बाइडेन ने उन सभी देशों को चेतावनी दी थी, जो रूस की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि अमेरिका यूक्रेन की मदद के लिए कई बड़ी घोषणाएं करेगा. पुतिन पर निशाना साधते हुए बाइडेन ने कहा था कि उन्हें (पुतिन) लगा था कि पश्चिम के देश एकजुट नहीं हैं, और वो हमला करके आसानी से यूक्रेन को हरा देंगे. लेकिन रूसी राष्ट्रपति अपने प्लान में पूरी तरह से फेल हुए हैं.