रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यूक्रेन के दो क्षेत्रों खेरासन और ज़ापोरिज़िया की स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है. समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, इन दोनों क्षेत्रों की आजादी से जुड़े दस्तावेजों पर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
ये दोनों क्षेत्र रूस की ओर से अब स्वतंत्र घोषित कर दिए गए हैं. ये आदेश उसी दिन से लागू हो गया, जिस दिन राष्ट्रपति पुतिन ने इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. दस्तावेजों के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति का फैसला अंतर्राष्ट्रीय कानून के सार्वभौमिक सिद्धांतों और मानदंडों पर आधारित है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित लोगों की समानता और आत्मनिर्णय के सिद्धांत को स्वीकार और पुष्टि करता है और एक जनमत संग्रह में जनता की इच्छा के संबंध में है.
रूस ने कराया था जनमत संग्रह
बीते 23 से 27 सितंबर तक डीपीआर, एलपीआर के साथ ही खेरासन और ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में जनमत संग्रह कराया गया था. इसमें सवाल पूछा गया था कि क्या आप यूक्रेन छोड़कर, एक स्वतंत्र राज्य बनाने और रूसी संघ में शामिल होने के पक्ष में हैं? इससे पहले पुतिन ने कहा था कि मॉस्को इस जनमत संग्रह के दौरान किए गए फैसले का समर्थन करेगा.
बाइडेन ने की जनमत संग्रह की निंदा
वहीं पुतिन के इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन के संप्रभु क्षेत्र पर रूस के दावों को अमेरिका कभी मान्यता नहीं देगा. बाइडेन ने जनमत संग्रह की निंदा करते हुए कहा कि यूक्रेन के क्षेत्रों में रूस समर्थक बलों को एक दिखावा के रूप में आयोजित किया गया था. जनमत संग्रह के परिणाम मॉस्को में बनाए गए.
पुतिन ने पहले भी दो राज्यों को दी थी स्वतंत्र देश की मान्यता
इससे पहले फरवरी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दी थी. इन दोनों ही क्षेत्रों में रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण था. पुतिन ने इसके बाद कई अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. उनके आदेश के मुताबिक, अब रूसी सेनाएं यूक्रेन के इन अलगाववादी क्षेत्रों में घुसकर शांति कायम करने का काम करेंगी. रूस के इस फैसले के बाद यूक्रेन-रूस के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.
कौन हैं वो दो क्षेत्र जिसे रूस ने दी है मान्यता?
लुहान्सक और दोनेत्स्क क्षेत्र में रूसी समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण था. इन्हें सामूहिक रूप से डोनबास के रूप में जाना जाता है. ये 2014 में यूक्रेन की सरकार के नियंत्रण से अलग हो गए थे और खुद को स्वतंत्र लोगों का गणराज्य घोषित कर दिया था, लेकिन अब तक इन्हें मान्यता नहीं मिल पाई है.
तब से, यूक्रेन का कहना है कि अलगाववादियों से लड़ाई में लगभग 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए. रूस इस संघर्ष में अलगाववादियों का समर्थन देने से इनकार करता रहा है. लेकिन वो अलगाववादियों का कई तरह से समर्थन करता है, जिसमें गोपनीय रूप से सैन्य सहायता, वित्तीय सहायता, कोविड -19 टीकों की आपूर्ति और निवासियों को कम से कम 8 लाख रूसी पासपोर्ट जारी करना शामिल है.