भारत और रूस ने रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की इच्छा के साथ सोमवार को कई सारे समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने का एक समझौता भी शामिल है.
इसके साथ ही दोनों देशों ने कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई से संबंधित मुद्दों को सुलझाने में भी अच्छी प्रगति की.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आर्थिक संबंधों, रक्षा संबंधों, असैन्य परमाणु सहयोग को गहन बनाने तथा एशियाई व्यवस्था विकसित करने सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की.
मनमोहन सिंह ने पुतिन को भारत का एक मूल्यवान मित्र और भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का असली शिल्पी बताया.
दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान, निवेश और विदेश विभाग के बीच राय-मशविरे जैसे विविध क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
मनमोहन ने बातचीत के बाद कहा कि कुडनकुलम की तीसरी और चौथी इकाई के निर्माण पर बातचीत में अच्छी प्रगति हुई है. पुतिन फिलहाल मनमोहन सिंह के साथ 13वी वार्षिक शिखर बैठक के लिए दिनभर के भारत दौरे पर आए हुए हैं.